Azam Khan: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान ने एक बार फिर विवादित टिप्पणी करते हुए भाजपा पर निशाना साधा है। उन्होंने देश के बंटवारे पर सवाल उठाते हुए मुगल बादशाह औरंगजेब की सल्तनत वाले हिंदुस्तान की मांग कर डाली है। आजम खान ने यह विवादित बोल रामपुर में जारी उपचुनाव के दौरान आयोजित एक जनसभा में बोले हैं।
आजम खान ने अपनी जनसभा के दौरान भाजपा सरकार पर हमला बोला है उन्होंने कहा “जो लोग अखंड भारत का नारा देते हैं वो हमें औरंगजेब वाला हिंदुस्तान वापस कर दें।” उन्होंने कहा बापू को देश के बंटवारे के लिए तैयार करने वाले कौन लोग थे। आगे उन्होंने कहा यह भी एक सच है कि मुसलमान हिंदुस्तान का बंटवारा नहीं चाहते थे। सबसे बड़ी नुमाइंदगी उस समय मौलाना आजाद करते थे। बंटवारे की सोच केवल जिन्ना की थी। बंटवारे की हिमायत करने वाले और पाकिस्तान बनाने का नारा देने वाले मिस्टर जिन्ना थे। जबकि मौलाना आजाद ऐसा नहीं चाहते थे वो हिंदुस्तान के पक्ष में ही थे।

सपा नेता आजम खान ने कहा कि बापू के पास खान गफ्फार खान आकर रोने लगे, बापू ये आपने क्या किया? अंग्रेजी में इतिहासकार ने लिखा था कि बापू यू टू यानी बापू तुम भी तैयार हो गए। उन्होंने कहा कि अगर किसी पर यकीन था कि कोई शख्स बंटवारे के लिए तैयार नहीं होगा तो उसका नाम करमचंद गांधी है, लेकिन जब बापू ही तैयार हो गए, तब सबकी हिम्मत टूट गई। उन्होंने कहा कि बापू को तैयार कराने वाले लोग हिंदुस्तान की सबसे बड़ी गद्दी पर बैठे हैं।
Azam Khan: औरंगजेब वाले शासन की आजम खान ने की तारीफ
बंटवारे के समय की याद दिलाते हुए आजम खान ने कहा कि हमने (मुस्लमानों) ने नहीं चाहा था कि हिंदुस्तान बंटे, हम जिम्मेदार नहीं थे, हिंदुस्तान के बंटवारे के, हम तो तारीखी हिंदुस्तान हो और आज भी अगर हिंदुस्तान बंटा ना होता, पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान का कुछ हिस्सा और जो औरंगजेब ने जीता वो रंगून तक था।
अखंड भारत का नारा देने वालों, वो हिंदुस्तान वापस दो, जो औरंगजेब का हिंदुस्तान था। गाली दो उसे जितनी चाहो हमें उससे कोई एतराज नहीं हैं। पूरी मुगल सल्तनत को गाली दो क्योंकि मुगल सल्तनत ना तो खलीफा की सल्तनत थी ना ही इस्लामिक हुकूमत थी।

कोई हमदर्दी नहीं हमें उनसे लेकिन औरंगजेब का हिंदुस्तान तो वापस करो, लिहाजा अगर वो हिंदुस्तान आज हो और वहां के मुसलमान हिंदुस्तान में हो तो क्या नकाब का सवाल उठ सकता था, क्या लव जिहाद के नाम पर लोगों के साथ नाइंसाफी हो सकती थी। क्या इबादतगाहों के साथ यह सुलूक हो सकता था। लाउडस्पीकर का बहाना लेकर बेवजह मुसलमानों पर सितम किए जा रहे हैं। आज जो नफरत है इंसानों के बीच, मजहबों की घृणा जात की घृणा वो घृणा नहीं होती, क्योंकि दोनों भाइयों के हाथ मजबूत होते। एक हाथ दूसरे के साथ मजबूती के साथ मिलकर चलता।
बता दें कि हाल ही में आजम खान जेल से रिहा हुए हैं। आजम खान ने रामपुर में जनसभा को संबोधित करते हुए भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए जेल में अपने बिताए दिनों का जिक्र किया। साथ ही भाजपा सरकार की कई नीतियों पर विरोध दर्ज कराते हुए बयान दिया।

Azam Khan: जेल मंत्री ने आजम खान के भाषण पर किया पलटवार
यूपी के जेल मंत्री धर्मवीर सिंह प्रजापति ने आजम खान के बयान के जवाब में कहा कि हमारा प्रदेश ही नहीं देश भी संविधान की व्यवस्था के अनुसार चलता है और सबकी नियमावली है। जेल की भी नियमावली है विधायकों को जो नियम के अनुसार व्यवस्था दी जाती है वहीं उनको दी गई। अब उनको लगता है कि हमारी सरकार से पहले जो सरकारे रहीं थी वह व्यवस्थाएं अब वो चाहते थे तो योगी जी के नेतृत्व में जो सरकार चल रही है। जो नियम के अनुसार व्यवस्था है वही दी जाएगी और उससे आगे कोई व्यवस्था नहीं दी जा सकती।
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