केरल में साम्प्रदायिक तनाव हमेशा चरम पर रहता है। संघ और वामपंथी कार्यकर्ता हमेशा राज्य में मार काट मचाये रहते है। वहीं प्रगतिशील लोगों को भी आए दिन धमकियां मिलती रहती हैं। ताजा मामला कोझिकोड जिले से सामने आ रहा है, जहां पर कुछ इस्लामिक कट्टरपंथियों ने एक मलयाली लेखक केपी रामानुन्नी को धमकी भरा एक खत लिखा है। राममुन्नी ने एक मलयालम अखबार के लिए एक लेख लिखा था, जिसमें उन्होंने सांप्रदायिक सद्भाव और भाईचारा बनाए रखने की बात कही थी।
इस गुमनाम खत में लिखा गया है, ‘हम तुम्हें छह महीने का वक्त दे रहे हैं, इस्लाम अपना लो, वरना तुम लंबे वक्त तक छिपे नहीं रह पाओगे। इसलिए जल्दी पांच वक्त की नमाज पढ़नी और रोजा रखने के लिए तैयार हो जाओ। तुम्हें वही सजा मिलेगी जो कि इस्लाम को ना मानने वाले को दी जाती है। तुम्हारे लेख पढ़कर हमारे युवा भटक रहे हैं।’
इस पत्र में यह भी लिखा गया है कि अगर रामानुन्नी अपनी हरकतों से बाज नहीं आए तो उनकी हालत भी प्रोफेसर टीजे जोसेफ की तरह कर दी जाएगी। बता दें कि प्रोफेसर जोसेफ पर भी इस्लाम की धार्मिक भावनाएं आहत करने वाला प्रश्न पत्र तैयार करने का आरोप लगा था। बाद में जब वह 4 जुलाई 2010 को चर्च से घर की तरफ लौट रहे थे तो कुछ कट्टरपंथी लोगों ने उन पर हमला कर के उनका हाथ काट दिया था।
लेखक ने कोझिकोड पुलिस कमिश्नर के पास शिकायत दर्ज करा दी है और मामले को देखने का आग्रह किया है। पुलिस भी मामले के जांच में लग गई है।
वहीं राज्य के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन का कहना है कि सरकार इन मामलों से गंभीरता से निपटेगी। विजयन ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा है कि लेखकों और सांस्कृतिक कार्यकर्ता के साथ ऐसा बर्ताव कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
आपको बता दें रामानुन्नी मलयालम भाषा के एक प्रमुख साहित्यकार हैं और उपन्यास और लघु कहानियां लिखते हैं। उन्हें केरल साहित्य अकादमी अवार्ड और वायलार अवॉर्ड से सम्मानित भी किया जा चुका है। उनके पहले उपन्यास ‘सूफी परांजा कथा’ पर फिल्म भी बन चुकी है, जिसका तानाबाना एक मुस्लिम व्यक्ति और हिंदू महिला की प्रेम कथा के इर्द-गिर्द बुना गया है।