Assam Floods: इन दिनों असम के लोग बाढ़ से प्रभावित है। पूरे राज्य में बाढ़ के कारण जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। बाढ़ से बचने के लिए जमुनामुख जिले के करीब 500 से अधिक परिवार रेलवे ट्रैक पर रहने को मजबूर हैं। बता दें कि क्षेत्र में केवल यही एकमात्र ऊंची भूमि बची है। बाकी सब जलमग्न हो गया है। असम के चंगजुराई (Changjurai) और पटिया पाथर (Patia Pathar) गांव के लोगों का बाढ़ में सब कुछ लगभग तबाह हो गया है।
Assam Floods: ग्रामीणों ने लगाया प्रशासन पर आरोप
बाढ़ में अपना सबकुछ खो चुके ग्रामीण तिरपाल की चादर डाल कर रहने को विवश हैं। ग्रामीणों ने राज्य सरकार और जिला प्रशासन पर आरोप लगाया है कि बाढ़ का कहर पिछलें पांच दिनों से जारी है लेकिन प्रशासन की ओर से अभी तक कोई मदद नहीं मिली है।

43 वर्षीय मोनवारा बेगम अपने परिवार के साथ एक तिरपाल के नीचे रह रही है, पटिया पत्थर गांव में उनका घर बाढ़ में नष्ट हो गया था। बाढ़ से बचने के लिए उनके साथ चार अन्य परिवार भी शामिल हुए हैं। वे सभी अमानवीय परिस्थितियों में एक ही तिरपाल के नीचे रह रहे हैं, जहां भोजन की कोई सुविधा नहीं है।
मोनवारा बेगम ने कहा, “तीन दिनों तक हम खुले आसमान के नीचे थे, फिर हमने कुछ पैसे उधार लिए और इस तिरपाल की चादर को खरीदा। हम एक ही चादर के नीचे रहने वाले पांच परिवार हैं, कोई निजता नहीं है।”

चंगजुराई गांव में अपना घर गंवाने के बाद ब्यूटी बोरदोलोई का परिवार भी तिरपाल के नीचे रह रहने को मजबूर है। उन्होंने ने बताया कि बाढ़ में हमारी धान की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई है। हमारी स्थिति बेहद खराब है क्योंकि इस तरह जीना बहुत मुश्किल है।
Assam Floods: असम में बाढ़ से हालात गंभीर
असम में बाढ़ के कारण स्थिति गंभीर बनी हुई है। 29 जिलों के 2,585 गांवों के 8 लाख से ज्यादा लोग बाढ़ से प्रभावित है। मानसून से पहले बारिश के कारण आई बाढ़ और भूस्खलन के कारण 14 लोगों की मौत हो चुकी है।

आपको बता दें कि 343 राहत शिविरों में 88,772 लोगों ने शरण ली है,जबकि अन्य 411 राहत वितरण केंद्र भी चालू हैं। सेना, अर्धसेना बलों के जवान लोगों को बाढ़ क्षेत्र से निकालने में जुटे हुए है। अभी तक बचाव दल ने लगभग 21,884 लोगों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से निकाल लिया है।
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