टेस्ट मैच में अगर बारिश हो जाए तो कैसे निकलता है नतीजा? जानिए नियम और प्रक्रिया

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भारत और इंग्लैंड के बीच सीरीज का पांचवां और आखिरी टेस्ट मैच लंदन के द ओवल में खेला जा रहा है। इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया और टीम इंडिया को बैटिंग के लिए आमंत्रित किया। हालांकि, पहले ही बारिश ने मुकाबले को बीच में कई दफा रोक दिया।

बताते चलें कि भारत के लिहाज से यह टेस्ट टीम इंडिया के लिए बेहद अहम है क्योंकि अगर यह मैच ड्रॉ रहा, तो भारत सीरीज 1-2 से हार जाएगा। मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में भी बारिश की भविष्यवाणी की है, जिससे यह सवाल उठने लगे हैं कि क्या बारिश की स्थिति में टेस्ट मैच के नियमों में बदलाव किया जाता है?

बारिश के दौरान टेस्ट क्रिकेट के नियम – क्या बदलते हैं?

वनडे और टी20 जैसे व्हाइट बॉल फॉर्मेट्स में बारिश की स्थिति में डकवर्थ लुईस (DLS) नियम लागू होता है, जिससे ओवर घटाकर नया टारगेट सेट किया जाता है। लेकिन टेस्ट क्रिकेट में DLS नियम लागू नहीं होता।

हालांकि बारिश टेस्ट मैच के समय और ओवरों की संख्या को जरूर प्रभावित करती है। टेस्ट में रोजाना तीन सेशन होते हैं, लेकिन बारिश के कारण इनकी टाइमिंग में फेरबदल हो सकता है। उदाहरण के लिए, यदि बारिश लंच या टी ब्रेक के ठीक पहले शुरू हो जाए, तो उसी समय ब्रेक की घोषणा कर दी जाती है।

बारिश से परिणाम कैसे प्रभावित होता है?

टेस्ट क्रिकेट में यदि बारिश ज्यादा हो, तो मैच ड्रॉ हो सकता है क्योंकि कुल 5 दिनों में सभी पारियों का पूरा होना मुश्किल हो जाता है। हालांकि, मैच को नतीजे तक ले जाने के लिए टीम मैनेजमेंट कुछ रचनात्मक फैसले भी ले सकती हैं।

बारिश के चलते टेस्ट में क्या-क्या हो सकता है?

  • Draw (ड्रॉ): जब तय समय में कोई नतीजा नहीं निकल पाता।
  • Win/Loss (जीत/हार): जब कोई टीम लक्ष्य पूरा कर ले या दूसरी टीम ऑलआउट हो जाए।
  • Abandoned (रद्द): बहुत ही दुर्लभ, जब पूरे मैच में एक भी गेंद न फेंकी जाए।