Team India के ऑफ स्पिनर Ravichandran Ashwin ने ऑस्ट्रेलिया के महान स्पिनर शेन वॉर्न के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज ने इस क्रिकेट जगत में स्पिन को एक अटैक के रूप में लाने का काम किया। वॉर्न का निधन 4 मार्च को थाईलैंड में हुआ। 52 वर्ष की आयु में दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया। वो अपने दोस्तों के साथ थाईलैंड में छुट्टियां मना रहे थे।
Ravichandran Ashwin ने शेन वॉर्न स्पिन गेंदबाजी का ध्वजवाहक बताया
अश्विन ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा कि मैं वर्ल्ड क्रिकेट में गेंदबाजी के स्पिन पहलू को आगे ले जाने के लिए वॉर्न को ध्वजवाहक के रूप में देखता हूं। दुनिया के शीर्ष तीन विकेट लेने वाले मुथैया मुरलीधरन, शेन वॉर्न और अनिल कुंबले स्पिनर हैं। वह एक दिलचस्प व्यक्ति थे। इतने सारे ऑस्ट्रेलियाई दिग्गजों के पास उनके बारे में कहने के लिए बहुत सारी अच्छी बातें हैं। मैं अभी भी इस तथ्य को स्वीकार नहीं कर सकता कि जीवन इतना अस्थिर है। हम भविष्यवाणी नहीं कर सकते कि क्या हो सकता है।
उन्होंने आगे कहा कि शेन वॉर्न एक बहुत ही खुशनुमा किस्म के शख्स थे, उन्होंने गेंदबाजी को फिर से परिभाषित किया, उन्होंने 1000 से अधिक अंतरराष्ट्रीय विकेट लिए हैं। बहुत कम ही लोग इस उपलब्धि को हासिल कर पाते है। शेन वॉर्न ने क्रिकेट जगत में स्पिन को अटैक गेंदबाजी के रूप में लाया। हर कोई माइक गैटिंग को वॉर्न की डिलीवरी के बारे में बात करेगा, लेकिन मेरा पसंदीदा 2005 एशेज में एंड्रयू स्ट्रॉस को वॉर्न की डिलीवरी है। उन्होंने उस सीरीज में ऑस्ट्रेलिया के लिए लगभग अकेले दम पर लड़ाई लड़ी थी।
शेन वॉर्न इतिहास के सबसे प्रभावशाली क्रिकेटरों में से एक थे। 1990 के दशक की शुरुआत में जब उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कदम रखा था तो अकेले दम पर लेग-स्पिन की कला को फिर से खोजा था और जीवित किया था। 2007 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने तक वह 700 टेस्ट विकेट तक पहुंचने वाले पहले गेंदबाज बन गए थे। हालांकि, बाद में मुथैया मुरलीधरन ने 800 विकेट लेकर उनका रिकॉर्ड तोड़ा था।
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