PARIS OLYMPICS 2024 : रेसलिंग में भारत को बहुत बड़ा झटका लगा है। आज यानी बुधवार (7 अगस्त) को गोल्ड मेडल की दावेदार मानी जा रहीं विनेश फोगाट को रेसलिंग के 50केजी फ्रीस्टाइल फाइनल से पहले डिसक्वालीफाई कर दिया गया है। मालूम हो कि बीते दिन उन्होंने सेमीफाइनल में क्यूबा की पहलवान को 5-0 के स्कोर से हराकर फाइनल में जगह बनाई थी, जहां उनका मुकाबला आज यूनाइटेड स्टेट्स (USA) की पहलवान से होना था, लेकिन पेरिस ओलंपिक कमिटी ने विनेश को उससे पहले ही 50 किलोग्राम वेट केटेगरी में अयोग्य घोषित कर दिया।
अधिक वजन के कारण आयोग्यता
विनेश फोगाट, जो कि एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला रहीं हैं। उन्हें मौजूदा पेरीस ओलंपिक में आयोग्य घोषित कर दिया गया है। सूत्रों के मुताबिक पता चला है कि, विनेश का वजन 50 किलोग्राम से अधिक पाया गया, जिसके कारण उन्हें प्रतियोगिता से बाहर कर दिया गया है। इसके चलते विनेश ना तो गोल्ड जीत पाएंगी और ना ही सिल्वर उनके नाम होगा। बता दें, कहा जा रहा है कि उनका वजन 50 किलोग्राम कैटेगिरी में लगभग 100 से 150 ग्राम अधिक पाया गया। लिहाजा, इस कैटेगिरी में अब केवल 2 पदक दिए जाएंगे, जिसमें एक यूएसए की रेसलर को गोल्ड मेडल और दूसरे ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाले पहलवान होंगे।
भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) ने इस घटना पर खेद व्यक्त किया है। IOA ने एक बयान में कहा, “यह खेदजनक है कि भारतीय दल महिला कुश्ती 50 किग्रा वर्ग से विनेश फोगाट के अयोग्य घोषित होने की खबर साझा करता है। रात भर टीम द्वारा किए गए बेहतरीन प्रयासों के बावजूद, आज सुबह उनका वजन 50 किग्रा से कुछ ग्राम अधिक था।” ओलंपिक नियमों के अनुसार, हर एक खिलाड़ी को अपने निर्धारित वजन वर्ग में ही खेलना होता है।
‘पूरा देश दुखी है…’ – महावीर फोगाट
भारतीय पहलवान विनेश फोगाट को अधिक वजन के कारण महिला कुश्ती 50 किलोग्राम वर्ग में अयोग्य घोषित किए जाने पर उनके पूर्व भारतीय पहलवान और विनेश के ताऊ महावीर फोगाट ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “पूरे देश को पदक की उम्मीद थी। मेरे साथ पूरे देश को दुख है। मुझे पता चला है कि 150 ग्राम वजन ज्यादा था जिसके चलते अयोग्य घोषित कर दिया गया। नियमों के हिसाब से फैसला लिया गया।”
भारतीय कुश्ती के लिए क्या है इसका मतलब
विनेश फोगाट की अयोग्यता भारतीय कुश्ती के लिए एक गंभीर क्षति है। विनेश, जो कॉमनवेल्थ गेम्स और एशियन गेम्स की पदक विजेता रह चुकी हैं, भारतीय कुश्ती की उम्मीदों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। उनकी अनुपस्थिति में भारतीय दल को अन्य महिला और पुरुष पहलवानों पर अब पदक लाने की जिम्मेदारी अब और अधिक बढ़ गई है।