Team India के कप्तान Rohit Sharma आज 30 अप्रैल 2022 को 35 साल के हो गए। रोहित शर्मा दिन-प्रतिदिन नई ऊंचाइयां को छू रहे हैं। रोहित शर्मा क्रिकेट के तीनों प्रारूपों में लगातार रिकॉर्ड बनाते जा रहे हैं। उन्हें कुछ महीने पहले ही तीनों फॉर्मेट का कप्तान बनाया गया है। अब उनके ऊपर भारत को फिर से वर्ल्ड चैंपियन बनाने की जिम्मेदारी है। रोहित ने भारत के लिए प्रदार्पण 2007 के टी20 वर्ल्ड कप में किया था और अपने पहले ही मैच में रोहित से अर्धशतक जड़ कर टीम को जीत दिलाई थी।
भारत के लिए जब से रोहित ने पारी की शुरुआत की तब से उनकी किस्मत ही बदल गयी। चैंपियंस ट्रॉफी 2013 में धोनी ने रोहित शर्मा को बतौर ओपनर बल्लेबाज के रूप में मौका दिया और इस मौके को रोहित ने दोनों हाथों से लपक लिया। जब से उन्होंने पारी की शुरुआत की, उसके बाद उन्होंने कई रिकॉर्ड अपने नाम किए। हालांकि रोहित शर्मा का सफर इतना भी आसान नहीं रहा। 20 साल के उम्र में भारत के लिए डेब्यू करने वाले रोहित शर्मा इस दौरान कई बार उतार चढ़ाव से गुजरे हैं।
Rohit Sharma के करियर की शुरुआत
रोहित शर्मा 12 साल की उम्र में ही क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था। रोहित के करियर की शुरुआत मुंबई के बोरिवली से हुई। यहां वो बोरिवली स्पोर्ट्स एंड कल्चरल एसोसिएशन की तरफ से खेलते थे और ऑफ स्पिनर बनना चाहते थे। स्वामी विवेकानंद इंटरनेशनल स्कूल के कोच दिनेश लाड अपने स्कूल की टीम बना रहे थे, तब उन्हें रोहित की स्पिन गेंदबाजी पसंद आई। उन्होंने रोहित को विवेकानंद स्कूल में एडमिशन दिलाया और उनकी फीस भी माफ कराई, क्योंकि रोहित के माता-पिता क्रिकेट कोचिंग में हर महीने 800 रुपये देने के बाद स्कूल में 275 रुपये नहीं दे सकते थे।
विवेकानंद स्कूल में कोच दिनेश ने एक दिन रोहित को बल्लेबाजी करते देखा और अगले मैच में उनसे ओपनिंग कराई। रोहित ने 140 रन की पारी खेली और यहीं से वो एक बल्लेबाज के रूप में खेलने लगे। रोहित शर्मा ने बतौर बल्लेबाज हर बार चयनकर्ताओं को प्रभावित किया। अंडर-14, अंडर-15, और अंडर-19 टीम में जगह बनाते गए।
इसके बाद उन्होंने भारत की अंडर-19 टीम में भी जगह बनाई। साल 2007 में रोहित भारत के लिए टी20 विश्व कप खेलने दक्षिण अफ्रीका गए और मेजबान टीम के खिलाफ अर्धशतक लगाया। अंत में टीम इंडिया ने यह टूर्नामेंट जीता और सभी खिलाड़ी हीरो बन गए। रोहित को साल 2008 में आईपीएल में तीन करोड़ की कीमत मिली और उनकी दुनिया बदल गई।
खराब प्रदर्शन के कारण हुए थे टीम से बाहर
उसके बाद रोहित शर्मा के प्रदर्शन गिरावट शुरू हो गयी और उन्हें टीम इंडिया से बाहर कर दिया गया। वो 2011 के वर्ल्ड कप में टीम में जगह नहीं बना सके, जिसका मलाल उन्हें हमेशा रहा है। 2011 के वर्ल्ड कप पर भारतीय टीम ने अपना कब्जा जमाया था। रोहित फिर से कड़ी मेहनत में जुट गए और एक बार फिर से भारतीय टीम में वापसी की। रोहित शर्मा के करियर में धोनी का भी बहुत बड़ा योगदान रहा है। 2013 में पारी के आगाज के बाद रोहित ने आज तक पीछे मुड़कर नहीं देखा।
वनडे में कई रिकॉर्ड रोहित के नाम
भारत के लिए पारी की शुरुआत करते हुए रोहित ने कई रिकॉर्ड अपने नाम किए। उन्होंने वनडे में तीन दोहरे शतक लगाए। इस दौरान उन्होंने 264 रन की पारी भी खेली, जो वनडे क्रिकेट में सबसे बड़ी पारी है। बतौर ओपनर वो 27 शतक लगा चुके हैं। वनडे विश्वकप में भी रोहित ने कमाल की बल्लेबाजी की और खासकर 2019 विश्वकप में शतकों की बरसात कर दी। हालांकि, टीम इंडिया यह टूर्नामेंट नहीं जीत पाई।
इसके बाद रोहित ने टेस्ट में भी अपना कमाल दिखाया। सचिन के संन्यास के बाद उन्हें मध्यक्रम में जगह दी गई थी और अपने पहले ही मैच में शतक लगाकर उन्होंने सबको प्रभावित किया था, लेकिन इसके बाद कुछ खास नहीं कर पाए थे। वनडे में ओपनिंग करते हुए रोहित का रिकॉर्ड कमाल का था और 2021 में उन्होंने टेस्ट में भी पारी की शुरुआत की। इसके बाद सफेद कपड़ो में भी रोहित का कमाल दिखा। इंग्लैंड की मुश्किल पिचों में उन्होंने अपने स्वभाव के विपरीत बल्लेबाजी की और भारतीय टीम के लिए मैच जिताऊ पारियां भी खेली। इसी वजह से उन्हें टीनों फॉर्मेट में भारत का कप्तान बनाया गया है।
Rohit sharma पर दो विश्व कप जिताने की जिम्मेदारी
रोहित शर्मा पर भारत को दो विश्व कप जिताने की जिम्मेदारी है। भारत आखिरी बार 2011 में विश्व चैंपियन बना था। इसके बाद 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी जीती। इसी टूर्नामेंट में रोहित बतौर ओपनर चमके थे। इसके बाद से भारत कोई आईसीसी टूर्नामेंट नहीं जीत पाया है। वहीं, आईपीएल में मुंबई को पांच बार चैंपियन बनाने वाले रोहित पर सभी को यकीन है और 2022 टी20 विश्व कप के साथ 2023 वनडे विश्व कप में भारत को चैंपियन बनाने की जिम्मेदारी रोहित के कंधों पर है।
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