क्रिकेट का मैदान हो या सोशल मीडिया का प्लेटफार्म गौतम गंभीर हर जगह गंभीरता के साथ उतरते हैं। एक बार फिर गंभीर ने एक जिम्मेदारी ले ली है। गंभीर कश्मीर में पिछले महीने शहीद हुए सब इंपेक्टर अब्दुल राशिद की पांच साल की बेटी का पूरा खर्च उठाएंगे। सोशल मीडिया पर एक तस्वीर साझा कर उन्होंने जानकारी दी। हालांकि यह पहली दफा नहीं है कि गौतम गंभीर मदद के लिए आगे बढ़े हों इससे पहले सुकमा में इस साल अप्रैल में हुए नक्सली हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ जवानों के परिवारों की मदद के लिए आगे आए थे। उन्होंने शहीद 25 जवानों के बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठाने का ऐलान किया था।
क्या है तस्वीर की कहानी
कुछ दिनों से सोशल मीडिया में कश्मीर में शहीद हुए सब इंपेक्टर अब्दुल राशिद की पांच साल की बेटी जोहरा की तस्वीर वायरल हुई थी। यह तस्वीर उस दिन कि है जिस दिन अब्दुल राशिद का अंतिम संस्कार किया जा रहा था। इस तस्वीर में जोहरा के आंसू नहीं रुक रहे है। जिसे देख एक बार फिर गौतम गंभीर की भावना आहत हुई । कहा जा रहा है कि जिस दिन अब्दुल राशिद का अंतिम संस्कार होना था उस दिन उनकी पांच साल की बेटी खुब रोई थी। एक ही तस्वीर को उन्होंने दो बार साझा किया है। पहली तस्वीर साझा करते हुए कहा कि, ‘मैं तुम्हारे लिए लोरियां तो नहीं सुना सकता, पर तुम्हारे सपने पूरे करने में मदद करूंगा’।
Zohra,I can't put u 2 sleep wid a lullaby but I'll help u 2 wake up 2 live ur dreams. Will support ur education 4 lifetime #daughterofIndia pic.twitter.com/XKINUKLD6x
— Gautam Gambhir (@GautamGambhir) September 5, 2017
उसी तस्वीर को साझा करते हुए गंभीर ने लिखा जोहरा, ‘अपने आंसुओं को जमीन पर मत गिरने दो। मुझे शक है कि धरती मां भी क्या तुम्हारे दर्द को सह पाएगी? तुम्हारे शहीद पिता अब्दुल राशिद को मेरा सलाम’। इस ट्वीट को अबतक लगभग 12000 से अधिक लोगों ने रिट्वीट और 35000 से ज्यादा लाइक्स मिले हैं। गंभीर ना केवल ट्वीटर पर तस्वीर को साझा किया बल्कि अपने फेसबुक पेज से भी साझा किया।
Zohra,plz don't let those tears fall as i doubt even Mother Earth can take d weight of ur pain. Salutes to ur martyred dad ASI,Abdul Rashid. pic.twitter.com/rHTIH1XbLS
— Gautam Gambhir (@GautamGambhir) September 5, 2017
जानकारी के लिए बता दें 28 अगस्त की शाम अब्दुल राशिद ड्यूटी पूरी कर थाने लौट रहे थे। इसी दौरान छुपकर बैठे आतंकियों ने उन पर फायरिंग की। राशिद शहीद हो गए। घटना अनंतनाग के मेंहदी कदाल में हुई थी।