Rang Panchami 2022: रंगों का त्योहार होली सिर्फ एक दिन की नहीं होती बल्कि यह चैत्र महीने की कृष्ण प्रतिपदा से पंचमी तक चलती है। इसके पांचवें दिन को रंग पंचमी कहते हैं। रंग पंचमी चैत्र महीने के कृष्ण पक्ष की पंचमी पर होता है। दरअसल रंग पंचमी सभी देवी-देवताओं का आह्वान करने के लिए मनाया जाता है। इस दिन रंगों को हवा में उड़ाया जाता है ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से सभी देवता रंगों के प्रति आकर्षित होते हैं।
Rang Panchami 2022: पौराणिक मान्यता
Rang Panchami 2022: शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि त्रेतायुग की शुरुआत में ही भगवान विष्णु ने धूलि वंदन किया था। यानी इस समय भगवान विष्णु ने अलग-अलग रंगों से भरे रूप में अवतार लिया था और उनके तेज से ही अलग-अलग रंग निकले थे। इसलिए माना जाता है कि अलग-अलग रंगों को हवा में उड़ाने पर उन रंगों की चमक से भगवान खुश होते हैं। साथ ही इस दिन राधा-कृष्ण के पूजन की भी मान्यता है। उनको अबीर और गुलाल अर्पित किए जाते हैं। लोगों में यह मान्यता है कि इससे जीवन में प्रेम का वास होता है। कई जगह पर इसे श्री पंचमी के नाम से भी जाना जाता है।
Rang Panchami 2022: रंग पंचमी पूजन विधि
- रंग पंचमी के दिन पूजा करने के लिए सबसे पहले अपने मंदिर को पूरी तरह से साफ-सुथरा कर लें।
- इसके बाद राधा कृष्ण या लक्ष्मी नारायण की तस्वीर को उत्तर दिशा में लगाएं।
- इसके बाद रोली, चंदन, अक्षत आदि से उनका तिलक करें और कलश में जल रख लें।
- इसके बाद खीर, पंचामृत, गुड़, चना आदि का भोग लगाएं।
- भगवान को अब अलग-अलग रंगों के अबीर-गुलाल चढ़ाएं।
- सभी विधियों को पूरा करने के बाद आरती करें।
- अंत में कलश में रखें जल से मंदिर और इसके बाद घर में छिड़काव करें।
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