Rakhi 2022: देवभूमि उत्तराखंड के जर्रे-जर्रे की बात ही अलग है।यहां हर दिन एक उल्लास है, कुदरत का उपहार है। इसी क्रम में यहां के हर जिलों में फैले मंदिरों की में साक्षात देवता निवास करते हैं। यहीं के सबसे बड़े जिले चमोली का वंशीनारायण मंदिर भी अपने आप में बेहद खास है। मध्य हिमालय की शृंखलाओं में बसा ये मंदिर अपने अंदर कई राज समेटे हुए है। वंशीनारायण का मंदिर चमोली जिले की उर्गम घाटी के पास स्थित है।
उर्गम घाटी से करीब 12 किलोमीटर की पैदल दूरी पर स्थित वंशीनारायण मंदिर की खासियत है कि ये साल में केवल एक दिन यानी रक्षाबंधन के मौके पर खुलता है।समुद्र तट से करीब 12 हजार फीट की ऊंचाई पर बने वंशीनारायण मंदिर में दूर-दूर से श्रद्धालु दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं।

Rakhi 2022: वामनवतार से मुक्ति के बाद यहां प्रकट हुए थे विष्णु जी
चमोली के कलगोठ गांव में स्थित, कत्यूर शैली में बने इस मंदिर में भगवान नारायण की चतुर्भुजाकार मूर्ति विराजमान है। लगभग 10 फीट ऊंचे वंशीनारायण मंदिर के विषय में मान्यता है कि राजा बलि के पास पहुंचे भगवान विष्णु जी ने वामनवतार से मुक्ति के बाद सबसे पहले इसी स्थान पर प्रकट हुए।
Rakhi 2022: माता लक्ष्मी ने राजा बलि को यहां बांधा था रक्षासूत्र
धार्मिक कथाओं के अनुसार माता लक्ष्मी रक्षाबंधन के दिन राजा बलि के पास गईं और राजा बलि को रक्षासूत्र बांधकर भगवान विष्णु को मुक्त कराया। वंशीनारायण मंदिर के संबंध में मान्यता है कि पाताल लोक के बाद भगवान विष्णु सबसे पहले इसी स्थान पर प्रकट हुए थे।
वर्गाकार गर्भगृह वाले वंशीनारायण मंदिर के विषय में एक अन्य मान्यता यह है कि यहां वर्ष में 364 दिन नारद मुनि भगवान नारायण की पूजा करते हैं। श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन माता लक्ष्मी के साथ नारद मुनि भी पातल लोक को गए थे।इस वजह से केवल उस दिन वह मंदिर में नारायण की पूजा न कर सके। माना जाता है कि तभी केवल श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन स्थानीय लोग मंदिर में जाकर पूजा करते हैं।
Rakhi 2022: महिलाएं हर साल नारायण को बांधने आतीं हैं राखी
स्थानीय लोगों से मिली जानकारी के अनुसार वंशीनारायण मंदिर पांडवों के काल में निर्मित हुआ था। आज भी यहां की सुंदरता और शांत माहौल की बात ही अलग है।प्रत्येक वर्ष स्थानीय महिलायें वंशीनारायण मंदिर आती हैं और भगवान को राखी बांधती हैं।राखी (Rakhi 2022) के दिन महिलाएं यहां भगवान नारायण को रक्षासूत्र बांधकर सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। यहां की मनोरम वादियां बेहद खूबसूरत और लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करतीं हैं।
संबंधित खबरें
- Sawan 2022: सावन के अंतिम सोमवार हर-हर महादेव के जयकारों से गूंजे शिवालय
- Raksha Bandhan 2022: 11 या 12 कब है रक्षाबंधन? जानें राखी बांधने का शुभ मुहूर्त…