Onam: दक्षिण भारत के सबसे सुंदर राज्य केरल में ओणम पर्व का आगाज धूमधाम के साथ हो गयाहै। ओणम का त्योहार तब मनाया जाता है जब थिरुओणम नक्षत्र प्रबल स्थिति में होता है। मान्यताओं के अनुसार थिरुओणम के दिन ही राजा महाबली अपनी समस्त प्रजा से मिलने के लिए धरती पर आते हैं। जिसकी खुशी में यह त्योहार मनाया जाता है। पंचांग के अनुसार इस साल ओणम का त्योहार 30 अगस्त से शुरू होकर 8 सितंबर तक मनाया जाएगा। हिंदी कैलेंडर के अनुसार भाद्रपद माह में यह त्योहार मनाया जाता है।केरल में इस त्योहार कि इतनी धूम होती है कि देश-विदेश से लोग इस त्योहार को देखने के लिए यहां आते हैं। इस बार ओणम में शुभ योग बन रहा है।
मलयालम पंचांग के अनुसार ओणम का त्योहार सिंह माह में मनाया जाता है। इस बार ओणम के त्योहार में काफी शुभ योग बन रहा है। यह योग सुकर्मा और रवि योग के मध्य का है। ऐसी मान्यता है कि यह योग काफी शुभ होता है और इस दिन विधि विधान से पूजा करने पर हर मनोकामना पूरी होती है। ओणम के दिन रवि योग दोपहर 01 बजकर 46 मिनट से प्रारंभ होगा और अगले दिन 09 सितंबर को प्रात: 06 बजकर 03 मिनट तक रहेगा। इसके अलावा ओणम वाले दिन रात 09 बजकर 41 मिनट से सुकर्मा योग लग रहा है। जो अगले दिन तक रहेगा।

Onam: केरल में जगह-जगह होता है प्रीतिभोज का आयोजन
ओणम के पावन मौके पर प्रीतिभोज का बड़ा ही महत्व माना जाता है। इस दिन मलयाली लोग षटरस से निर्मित भोजन तैयार करते हैं। इस अवसर पर मंदिर और घरों को सजाया जाता है, इसके साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रमों की भी धूम रहती है। लोग एक-दूसरे को मिठाई बांटते हैं। एक-दूसरे को शुभकामना भी देते हैं। दरसअल इसी माह में केरल में फसल भी पकती है। इसके लिए यहां के लोग भगवान का आभार प्रकट करते हैं।
Onam: नौका दौड़, फूलों की रंगोली से सजाते हैं घर-द्वार
पूरे 10 दिन तक मनाए जाने वाले ओणम त्योहार का सबसे बड़ा आकर्षण केरला की नौका दौड़ और फूलों से सजाई रंगोली ‘पक्कम’ है।ऐसी मान्यता है कि केरल के महाप्रतापी राजा महाबली नामक एक असुर के आदर- सत्कार में ओणम का पर्व मनाया जाता है। केरल के लोगों की मान्यताओं के अनुसार ओणम के दिन राजा महाबली केरल आते हैं और अपनी प्रजा के साथ मिलकर खुशियां मनाते हैं। ओणम के पर्व की एक विशेषता यह भी बताई जाती है, की इस दिन मंदिरों के बजाय घर पर ही पूजा-अर्चना की जाती है।

Onam: यहां जानिए केरल में आयोजित कार्यक्रमों का विवरण
दिन | कार्यक्रम |
एथम | इस दिन जल्दी उठकर भगवान की उपासना की जाती है |
चिथिरा | महिलाएं पुष्प कालीन का निर्माण करतीं हैं |
चोधी | ओणम के लिए खरीदारी और तैयारियां शुरू हो जाती हैं |
विसाकम | चौथे दिन फूलों का कालीन बनाने की प्रतियोगिता |
अनिज़ाम | पांचवे दिन प्रसिद्ध नौका दौड़ प्रतियोगिता |
थ्रिकेता | सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन |
मूलम | बाजरों में तरह- तरह खाद्य पदार्थों से सजावटें |
इसके साथ ही आठवें दिन यानी पूरादम के मौके पर घरों पर राजा महाबलि और वामन अवतार की स्थापना की जाती है। नौवें दिन उथिरादम के दिन राजा महाबलि के आने का सभी इंतजार करते हैं। वहीं दसवें दिन थिरुवोणम के दिन त्योहार की धूम रहती है।
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