Navratri 2nd Day Maa Brahmcharini: नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्माचरिणी की पूजा की जाती है। यह मां दुर्गा की नव शक्तियों का दूसरा स्वरूप है। ब्रह्मचारिणी दो शब्दों से मिलकर बना है, ब्रह्म का अर्थ होता है तपस्या और चारिणी का अर्थ आचरण से है, यानी ये देवी तप का आचरण करने वाली हैं। मां का यह रूप काफी शांत और मोहक है।
Navratri 2nd Day Maa Brahmcharini: मां ब्रह्मचारिणी का स्वरूप
मां ब्रह्मचारिणी सफेद वस्त्र पहने हुए रहती हैं। इनके दाएं हाथ में अष्टदल की माला और बाएं हाथ में कमण्डल होता है जो इन्हें और सुशोभित करता है। मां ब्रह्माचरिणी को तप, त्याग और शक्ति की देवी माना जाता है। माता को शक्कर से बनी चीजें काफी पसंद होती हैं इसलिए इस दिन मीठा भोग बनाकर मां को चढ़ाया जाता है जिससे मां प्रसन्न होती हैं।
Navratri 2nd Day Maa Brahmcharini: मां ब्रह्मचारिणी का मंत्र
- दधाना करपद्माभ्यामक्षमालाकमण्डलु| देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा ||
वन्दे वांछित लाभायचन्द्रार्घकृतशेखराम्।
जपमालाकमण्डलु धराब्रह्मचारिणी शुभाम्॥
गौरवर्णा स्वाधिष्ठानस्थिता द्वितीय दुर्गा त्रिनेत्राम।
धवल परिधाना ब्रह्मरूपा पुष्पालंकार भूषिताम्॥
परम वंदना पल्लवराधरां कांत कपोला पीन।
पयोधराम् कमनीया लावणयं स्मेरमुखी निम्ननाभि नितम्बनीम्॥ - ब्रह्मचारयितुम शीलम यस्या सा ब्रह्मचारिणी.
सच्चीदानन्द सुशीला च विश्वरूपा नमोस्तुते. - ऊँ ब्रां ब्रीं ब्रूं ब्रह्मचारिण्यै नम:
- या देवी सर्वभेतेषु मां ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
Navratri 2nd Day Maa Brahmcharini: मां ब्रह्मचारिणी की आरती
जय अंबे ब्रह्माचारिणी माता।
जय चतुरानन प्रिय सुख दाता।
ब्रह्मा जी के मन भाती हो।
ज्ञान सभी को सिखलाती हो।
ब्रह्मा मंत्र है जाप तुम्हारा।
जिसको जपे सकल संसारा।
जय गायत्री वेद की माता।
जो मन निस दिन तुम्हें ध्याता।
कमी कोई रहने न पाए।
कोई भी दुख सहने न पाए।
उसकी विरति रहे ठिकाने।
जो तेरी महिमा को जाने।
रुद्राक्ष की माला ले कर।
जपे जो मंत्र श्रद्धा दे कर।
आलस छोड़ करे गुणगाना।
मां तुम उसको सुख पहुंचाना।
ब्रह्माचारिणी तेरो नाम।
पूर्ण करो सब मेरे काम।
भक्त तेरे चरणों का पुजारी।
रखना लाज मेरी महतारी।
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