Shiv Ji Ki Aarti: आज महाशिवरात्रि का पावन पर्व है। धार्मिक कथाओं के अनुसार इस दिन मां पार्वती और भोलेनाथ का विवाह हुआ था। आज के दिन ही सृष्टि का प्रारंभ हुआ था। शिव भक्तों के लिए महाशिवरात्रि का दिन खास होता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि मनाया जाता है। इस दिन भगवान शंकर जी की विधि-विधान के साथ पूजा करते हैं और व्रत रखते हैं। धार्मिक कथाओं के अनुसार मान्यता है कि भगवान शिव की आरती के बिना उनकी पूजा पूर्ण नहीं होती। तो यहां पढ़िए भगवान शिव जी की आरती जिससे भोलेनाथ हो जाएंगे प्रसन्न।
Mahashivratri: ओम जय शिव ओंकारा आरती हिंदी में
ओम जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव अर्द्धांगी धारा।।
ओम जय शिव ओंकारा।।
एकानन चतुरानन पञ्चानन राजे। हंसानन गरूड़ासन
वृषवाहन साजे।।
ओम जय शिव ओंकारा।।
दो भुज चार चतुर्भुज दसभुज अति सोहे।
त्रिगुण रूप निरखते त्रिभुवन जन मोहे।।
ओम जय शिव ओंकारा।।
अक्षमाला वनमाला मुण्डमालाधारी।
त्रिपुरारी कंसारी कर माला धारी।।
ओम जय शिव ओंकारा।।
श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे।
सनकादिक गरुड़ादिक भूतादिक संगे।।
ओम जय शिव ओंकारा।।
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका।
मधु कैटव दोउ मारे, सुर भयहीन करे।।
ओम जय शिव ओंकारा।।
लक्ष्मी, सावित्री पार्वती संगा।
पार्वती अर्द्धांगी, शिवलहरी गंगा।।
ओम जय शिव ओंकारा।।
पर्वत सोहें पार्वतू, शंकर कैलासा।
भांग धतूर का भोजन, भस्मी में वासा।।
ओम जय शिव ओंकारा।।
जया में गंग बहत है, गल मण्ड माला।
शेष नाग लिपटावत, ओढ़त मृगछाला।।
ओम जय शिव ओंकारा।।
काशी में विराजे विश्वनाथ, नन्दी ब्रह्मचारी।
नित उठ दर्शन पावत, महिमा अति भारी।।
ओम जय शिव ओंकारा।।
त्रिगुणस्वामी जी की आरति जो कोई नर गावे।
कहत शिवानन्द स्वामी मनवान्छित फल पावे।।
ओम जय शिव ओंकारा।। ओम जय शिव ओंकारा।।
Mahashivratri पूजन की विधि
- सुबह उठकर सबसे पहले स्नान कर के साफ-सुथरे कपड़े पहनें।
- शिवलिंग या भगवान शिव की मूर्ति/ फोटो को लाल या पीला कपड़े पर रखें।
- इसके बाद अगरबत्ती, धूप और दीपक जलाएं।
- अब शिवजी को चंदन या भस्म का तिलक लगाएं।
- अब उन पर पुष्प, बेलपत्र, दूध, दही, केसर, फल (खासकर बेर), धतूरा आदि चढ़ाएं।
- इसके बाद शिवजी को प्रसाद का भोग लगाएं। यदि आप घर का बना प्रसाद चढ़ा रहें हैं तो इस बात का खास ध्यान रखें की उसमें हल्दी, नमक या मिर्च न हो।
- अंत में महादेव का पाठ और आरती करें।
- विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने के बाद भगवान शिव का आशीर्वाद लें।
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