Magh Mela 2022: प्रयागराज की संगम त्रिवेणी पर पौष पूर्णिमा के दुसरे दिन कड़कड़ाती ठंड और सर्द हवाओं के बीच सुबह के चार बजे से ही भक्तों ने आस्था की डुबकी लगाई। पौष पूर्णिमा के स्नान पर्व को देखते हुए सुरक्षा के बेहद पुख्ता इंतजाम किये गए हैं। संगम के घाटो पर घुड़सवार पुलिस के अलावा स्पेशल टास्क फोर्स एटीएस के कमांडो, एसडीआरएफ, ट्रैफिक, नागरिक पुलिस पीएसी को भी तैनात किया गया है। संगम स्नान को देखते हुए जल पुलिस को भी अलर्ट पर रखा गया है। बता दें कि सीसीटीवी और ड्रोन कैमरे से संगम घाट की निगरानी की जा रही है। वहीं पार्किंग की व्यवस्था परेड मैदान में की गई है।
बता दें कि माघ मेले के दौरान विभिन्न घाटों पर श्रद्धालु स्नान करते हैं। गंगा यमूना और सरस्वती की त्रिवेणी संगम पर साधू संतो के अलावा कल्पवासियो के आने का सिलसिला जारी है। बता दें कि सोमवार सुबह के चार बजे हजारो भक्तों ने पौष पूर्णिमा पर संगम में डुबकी लगाईं। स्थानीय प्रशासन का दावा है की पौष पूर्णिमा पर दो लाख के करीब स्नार्थी आस्था और भक्ति की त्रिवेणी संगम में डुबकी लगायेंगे। ऐसी मान्यता है की माघ महीने में गंगा यमुना के तट पर एकाग्र भाव से भगवान नारायण की पूजा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। कल्पवास के दौरान तीन बार गंगा स्नान, एक समय भोजन, जमीन पर शयन और दान करने का पौरानिक विधान है। वहीं संगम स्नान के दौरान बढ़ते कोविड-19 मामलों को देखते हूए पब्लिक एड्रेस सिस्टम से लोगो को मास्क लगाने के लिए जागरूक किया जा रहा है।
Magh Mela 2022: मकर संक्रांति के दिन पहले स्नान के साथ शुरू हुआ है माघ मेला
गौरतवलब है कि 47-दिवसीय धार्मिक मण्डली माघ मेला-2022 शुक्रवार को प्रयागराज के संगम घाटों पर मकर संक्रांति के पहले स्नान के साथ शुरू हो गया है। मेला अधिकारियों ने बताया कि पहले दिन शाम सात बजे तक 6.5 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने पवित्र स्नान किया। माघ मेला एक वार्षिक धार्मिक आयोजन है जो प्रयागराज के लिए अद्वितीय है। बता दें कि गुरुवार के बाद से बड़ी संख्या में भक्तों का आना शुरू हो गया था, जो सर्दी की ठंड को मात देते हुए आस्था की डूबकी लगाने के लिए उत्सुक थे। स्नान के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।
Magh Mela 2022: भक्तों से मास्क लगाने की अपील
माघ मेला अधिकारी शेषमणि पांडे ने कहा था कि “दिन में किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं होने के कारण स्नान सुचारू रूप से हुआ। श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए प्रयागराज जिले के सभी प्रवेश द्वारों पर ट्रैफिक डायवर्जन लगाया गया है। तीर्थयात्रियों से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने और Covid -19 के प्रसार को रोकने के लिए फेसमास्क लगाने की अपील की गई है। अधिकांश आगंतुकों को निर्धारित मानदंडों का उल्लंघन करते देखा गया है। हालांकि, इस बार तीर्थयात्रियों की अपेक्षा से कम भीड़ ने स्थिति को कुछ हद तक कम कर दिया है।
महा शिवरात्रि स्नान के बाद समाप्त होगा Magh Mela 2022
बता दें कि माघ मेले के बारे में मान्यता है कि मकर संक्रांति पर, सूर्य मकर राशि में गोचर करता है, जो अपनी उत्तर की यात्रा (उत्तरायण) की शुरुआत करता है, जो हिंदुओं के लिए शुभ अवधि की शुरुआत करता है। इस साल 1 फरवरी को पड़ने वाली मौनी अमावस्या के बाद माघ मेले के दौरान मकर संक्रांति स्नान दूसरा सबसे महत्वपूर्ण स्नान है। बता दें कि इस साल माघ मेला 1 मार्च को महा शिवरात्रि स्नान (स्नान) के साथ समाप्त होगा।
शिविरों में, संतों ने मकर संक्रांति मनाने के लिए विशेष अनुष्ठान किए। हालाँकि, इस बार, कोविड -19 प्रोटोकॉल का पालन करने की घोषणाओं ने भजन और कीर्तन (धार्मिक गीत) की आवाज़ पर हावी हो गए हैं। दर्जन भर मेला प्रवेश केंद्रों पर तीर्थयात्रियों को थर्मल स्कैनिंग के बाद ही अंदर जाने दिया जा रहा है। तीर्थयात्रियों के बीच 65,000 से अधिक मुफ्त फेसमास्क भी वितरित किए गए हैं।
बता दें कि लगभग 20,000 कल्पवासियों ने ध्यान और धार्मिक प्रवचनों में भाग लेने के अपने महीने भर के कठोर कार्यक्रम की शुरुआत कर दी है। शेष कल्पवासी 19 जनवरी को पौष पूर्णिमा से अपना कल्पवास शुरू करेंगे।उत्तर प्रदेश के अलावा, मध्य प्रदेश, राजस्थान, बिहार और छत्तीसगढ़ सहित कई अन्य राज्यों के भक्त महीने भर चलने वाली धार्मिक प्रथा के लिए माघ मेला क्षेत्र में डेरा डाले हुए हैं।
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