Lunar Eclipse 2021: 19 नवंबर को साल का आखिरी चंद्र ग्रहण दिखाई देगा। चंद्र ग्रहण कार्तिक शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को लगेगा। इस चंद्र ग्रहण का धार्मिक दृष्टि से खास महत्व है। ये न सिर्फ राशियों पर अपना प्रभाव दिखा रहा है बल्कि ऐसा संयोग 580 साल बाद बन रहा है। चंद्र ग्रहण न सिर्फ भारत बल्कि पश्चिमी अफ्रीका, पश्चिमी यूरोप, उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अटलांटिक महासागर और प्रशांत महासागर के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा।
चंद्र ग्रहण एक खगोलीय घटना है जिसका ज्योतिष में भी बड़ा महत्व है। इस घटना को अंग्रेजी में लुनार एक्लिप्स (Lunar Eclipse) कहा जाता है। वैदिक ज्योतिष, चंद्र ग्रहण की घटना के दौरान सावधान रहने की सलाह देते हैं क्योंकि ग्रहण के समय नकारात्मक ऊर्जा सक्रिय हो जाती है जिसके परिणाम बुरे होते हैं।
चंद्र ग्रहण के समय यह कार्य करने से बचें
चंद्र ग्रहण के समय भोजन पकाना और खाना काफी बुरा माना गया है।
चंद्र ग्रहण के दौरान भगवान की पूजा नहीं करनी चाहिए।
चंद्र ग्रहण के दौरान घर से बाहर निकलेने से बचें।
पति – पत्नी को संभोग नहीं करना चाहिए।
किसी भी पेड़ पौधों को हाथ नहीं लगाना चाहिए।
घर में कलेश करने से बचना चाहिए।
यह करें
ग्रहण को देखते समय चश्मे का प्रयोग करना चाहिए, नहीं तो आप इसे पानी में भी देख सकते हैं।
भोजन को पकाने के बाद उसमें तुलसी का पत्ता डाल दें।
चंद्र ग्रहण लगते ही मंदिर के कपाट को बंद कर दें।
चंद्र ग्रहण पर पूजा नहीं कर सकते हैं लेकिन मानसिक तौर पर भगवान का ध्यान कर सकते हैं।
चंद्र ग्रहण के बाद स्नान करना चाहिए।
चंद्र ग्रहण के बाद स्नान कर, गरीबों को भोजन देना चाहिए साथ ही गौ माता को भी भोजन देना चाहिए।
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