Dussehra 2022: नवरात्रि पर्व के आखिरी दिन दशहरा धूमधाम से मनाया जाता है। दशहरा असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक है। इस दिन बुराई के प्रतीक रावण के पुतले का दहन होता है। कई जगहों पर तो रावण के साथ कुंभकर्ण और मेघनाद के भी पुतले जलाए जाते हैं। इस बार का दशहरा बुधवार यानी 5 अक्टूबर को पड़ रहा है। आइए जानते हैं दशहरे के मौके पर विजयदशमी पूजन का शुभ मुहूर्त…

Dussehra 2022: विजयदशमी के लिए हैं दो शुभ मुहूर्त
दशहरा को कल यानी बुधवार को काफी उत्साह के साथ मनाया जाएगा। पौराणिक कथाओं के अनुसार, दशहरा 10 प्रकार के पापों के परित्याग की प्रेरणा भी देता है। इन पापों में काम, क्रोध, मद, लोभ, मोह, मत्सर, अहंकार, आलस्य, हिंसा और चोरी शामिल हैं। ज्योतिषविदों की मानें, तो इस बार विजयदशमी पूजन के लिए दो खास शुभ मुहूर्त हैं। ज्योतिषविद के अनुसार, बुधवार को विजयदशमी पूजन का पहला शुभ मुहूर्त सुबह 7.44 से सुबह 9.13 तक है। वहीं इसका दूसरा शुभ मुहूर्त सुबह 10.41 से दोपहर 2.09 बजे तक है।
वे बताते हैं कि दशहरा (विजयदशमी) आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। ज्योतिषविद बताते हैं कि विजयदशमी के दिन भगवान राम की विधिवत पूजा करनी चाहिए। वहीं, विजयादशमी पर शस्त्रों की पूजा का विशेष महत्व होता है। इस दिन क्षत्रिय, योद्धा और सैनिक अपने शस्त्रों की पूजा करते हैं। वहीं ब्राह्राण इस दिन मां सरस्वती की पूजा करते हैं।
दो पौराणिक कथाएं हैं प्रसिद्ध
दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। पौराणिक कथाओं में इस त्योहार से जुड़ी दो कहानियां मिलती हैं। कहा जाता है कि इसी दिन मां दुर्गा ने नौ दिनों से अधिक समय तक चले भीषण युद्ध के बाद महिषासुर का वध किया था। वहीं, दूसरी कथा प्रभु राम और राक्षस रावण से जुड़ी है। कथा के अनुसार, कहा जाता है कि इसी दिन श्रीराम ने लंका के राजा रावण पर विजय प्राप्त की थी, इसलिए हम इसे विजयदशमी भी कहते हैं।
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