Chaitra Navratri 2022 : चैत्र नवरात्र के सातवें दिन मां कालरात्रि के पूजन का विधान है। मां सभी प्रकार के रोग, दुख और भय का नाश करने वालीं हैं। इनकी पूजा मात्र से ही भक्त को सुख की प्राप्ति होती है। व्यापार संबंधी समस्या, ऋण मुक्ति एवं अचल संपत्ति के लिए मां कालरात्रि की Pooja-Vrat का विशेष महत्व बताया गया है।
मां का स्वरूप विकराल है लेकिन वे सदा ही अपने भक्तों पर प्रेम और दया का आशीष देतीं हैं। देवी के सच्चे साधकों को इनकी पूजा मात्र से ही ब्रह्मांड की समस्त सिद्धियां प्राप्त होती हैं। Chaitra Navratri में मां कालरात्रि की पूजा-अर्चना एवं साधना द्वारा अकाल मृत्यु, भूत-प्रेत बाधा, व्यापार, अग्निभय, शत्रुभय आदि से छुटकारा प्राप्त होता है। वे सदैव अपने भक्तों की रक्षा करने के लिए प्रकट होती हैं। आइये जानिये कैसे मां कालरात्रि को कर सकते हैं प्रसन्न।
Chaitra Navratri 2022: देवी दुर्गा की सातवीं शक्ति हैं मां कालरात्रि
Chaitra Navratri 2022: देवी दुर्गा की सातवीं शक्ति कालरात्रि के नाम से जानी जाती हैं। इनके शरीर का रंग घने अंधकार की तरह एकदम काला है, सिर के बाल बिखरे हुए हैं। गले में विद्युत की तरह चमकने वाली माला है। इनके तीन नेत्र हैं, ये तीनों नेत्र ब्रह्माण्ड के सदृश्य गोल हैं, इनसे विद्युत के समान चमकीली किरणें निकलतीं हैं। इनका वाहन गधा है।
ये ऊपर उठे हुए दाहिने हाथ की वर मुद्रा से सभी को वर प्रदान करती हैं। दाहिनी तरफ का नीचे वाला हाथ अभय मुद्रा में है बायीं तरफ के ऊपर वाले हाथ में लोहे का कांटा तथा नीचे हाथ में खड्ग विराजमान है।
मां का स्वरूप देखने में अत्यंत भयानक है लेकिन ये सदैव शुभ फल ही देने वाली हैं। इसी कारण इनका नाम शुभकरीभी है। अत: इनसे किसी प्रकार भक्तों को भयभीत होने अथवा आतंकित होने की आवश्यकता नहीं है।
Chaitra Navratri 2022: मां कालरात्रि पूजा विधि
चैत्र नवरात्रि के सातवें दिन प्रात:काल उठकर नहाधोकर स्वच्छ हो जाएं। इसके बाद शुद्ध मन और भावना से मां को याद करें। इसके बाद सफेद या लाल वस्त्र पहनकर मां कालरात्रि की पूजा करें।
मां कालरात्रि के चित्र के समक्ष घी दीपक जलाकर उन्हें लाल फूल अर्पित करें। माता को गुड़ का भोग लगाएं। इसके बाद मां कालरात्रि के मंत्रों का जाप करें और संभव हो तो दुर्गा सप्तशती का भी पाठ करें।
Chaitra Navratri 2022: मां कालरात्रि की आरती कर उन्हें करें प्रसन्न
कालरात्रि जय-जय-महाकाली, काल के मुंह से बचाने वाली
दुष्ट संघारक नाम तुम्हारा, महाचंडी तेरा अवतारा
पृथ्वी और आकाश पे सारा, महाकाली है तेरा पसारा
खड्ग खप्पर रखने वाली, दुष्टों का लहू चखने वाली
कलकत्ता स्थान तुम्हारा, सब जगह देखूं तेरा नजारा
सभी देवता सब नर-नारी, गावें स्तुति सभी तुम्हारी
रक्तदंता और अन्नपूर्णा, कृपा करे तो कोई भी दुःख ना
ना कोई चिंता रहे बीमारी, ना कोई गम ना संकट भारी
उस पर कभी कष्ट ना आए, महाकाली मां जिसे बचाए
तू भी भक्त प्रेम से कह, कालरात्रि मां तेरी जय।।
विस्तृत चुनाव परिणाम के लिए यहां क्लिक करें। ताजा खबरों के लिए हमारे साथ Facebook और Twitter पर जुड़ें।
संबंधित खबरें