
कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन Ahoi Ashtami व्रत रखा जाता है। पंचांग के अनुसार, इस साल अहोई अष्टमी का व्रत 17 अक्टूबर को रखा जाएगा। इस दिन संतान के बेहतर स्वास्थ और उन्नति के लिए माताएं निर्जला व्रत करती हैं और विधि विधान से भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। इसमें सभी महिलाएं रात में तारा देखकर ही अपना व्रत खोलती हैं।

Ahoi Ashtami का शुभ मुहूर्त
इस साल अहोई अष्टमी का व्रत 17 अक्टूबर को रखा जाएगा। हिंदू पंचांग के अनुसार इसका आरंभ सुबह 9 बजकर 29 मिनट से शुरू होगा जो कि 18 अक्टूबर को सुबह 11 बजकर 57 मिनट तक बना रहेगा।
Ahoi Ashtami पूजा विधि
अहोई अष्टमी में माता पार्वती की पूजा करने के लिए सफेद फूल का इस्तेमाल किया जाता है और भगवान शिव को बेलपत्र चढ़ाया जाता है। इसके बाद घी का दीपक, अगरबत्ती, धूप आदी जलाकर भगवान की अराधना की जाती है। इसके बाद भगवान को मिठाई और फल का भोग लगाया जाता है। अंत में भगवान शिव और माता पार्वती की आरती कर पूजा संपन्न की जाती है।

Ahoi Ashtami पर भूलकर भी न करें ये गलतियां
- व्रत वाले दिन व्रती महिलाएं मिट्टी से जुड़ा कोई काम न करें।
- व्रत के दिन कोई भी नुकीला सामान हाथ में न लें।
- इस दिन सिलाई का काम करने से बचें।
- व्रत वाले दिन किसी से झगड़ा करने या कोई अपशब्द बोलने से बचें।
- पारण करने से पहले सोना नहीं चाहिए।
- तारों को अर्घ्य देते समय स्टील के लोटे का इस्तेमाल करें।
- परिवार और अपने पारन के लिए सात्विक भोजन ही पकाएं।

Ahoi Ashtami के व्रत में इन बातों का रखें ध्यान
- अहोई अष्टमी के दिन मां अहोई की पूजा करने से पहले भगवान गणेश की पूजा अवश्य करें।
- जब तक रात का तारा नहीं दिख जाता है तब तक महिलाओं को व्रत नहीं खोलना चाहिए।
- अहोई अष्टमी की कथा सुनने के दौरान अपनी मुट्ठी में 7 तरह के अनाज रखें और कथा पूरी होने के बाद ये अनाज किसी गाय को खिला दें।
- अहोई अष्टमी की पूजा के बाद अपनी संतान को प्रसाद जरूर खिलाएं।
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