राज ठाकरे-फडणवीस मीटिंग पर गरमाई सियासत, उद्धव गुट ने कसा तंज – ‘मराठी मानुस की हालत के लिए जिम्मेदार कौन?’

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राज ठाकरे-फडणवीस मीटिंग पर गरमाई सियासत
राज ठाकरे-फडणवीस मीटिंग पर गरमाई सियासत

महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मच गई है। शिवसेना (उद्धव गुट) और मनसे के रिश्तों को लेकर अटकलें तेज थीं, लेकिन इसी बीच मनसे प्रमुख राज ठाकरे की देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात ने नया मोड़ दे दिया। बताया जा रहा है कि दोनों नेताओं ने तकरीबन एक घंटे तक बंद कमरे में चर्चा की। इससे सवाल उठ रहे हैं कि क्या राज ठाकरे अब बीजेपी के करीब जा रहे हैं और अपने भाई उद्धव ठाकरे से दूरी बना लेंगे?

उद्धव गुट की प्रतिक्रिया: ‘मराठी मानुस की बदहाली…’

इस मुलाकात पर उद्धव गुट की तरफ से कड़ी प्रतिक्रिया सामने आई है। शिवसेना (उद्धव) के नेता और सांसद संजय राउत ने कहा, “कुछ लोग सिर्फ माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन आज मुंबई और महाराष्ट्र में मराठी लोगों की जो हालत हुई है, उसकी जिम्मेदारी देवेंद्र फडणवीस की ही है।”

12 जून की बैठक और संभावित गठबंधन की चर्चा

यह बैठक 12 जून को मुंबई के ताज लैंड्स एंड होटल में हुई थी, जहां राज ठाकरे और फडणवीस के बीच बातचीत करीब 1.5 घंटे तक चली। इसके बाद राज ठाकरे ने मनसे पदाधिकारियों के साथ भी बैठक की। माना जा रहा है कि इस बैठक में बीजेपी-मनसे गठबंधन पर चर्चा हुई, खासकर आगामी निकाय चुनाव को ध्यान में रखते हुए। हालांकि, अभी तक कोई औपचारिक ऐलान नहीं हुआ है।

राज ठाकरे की अगली चाल का इंतजार

अटकलें यह भी हैं कि राज ठाकरे को अब तय करना है कि वे अपने भाई उद्धव ठाकरे के साथ फिर से राजनीतिक सफर शुरू करेंगे या बीजेपी के साथ हाथ मिलाएंगे। इस असमंजस ने राज्य की सियासत को और पेचीदा बना दिया है।

शरद पवार के बयान पर संजय राउत की टिप्पणी

उधर, एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वे किसी भी दल से गठबंधन कर सकते हैं, लेकिन बीजेपी से कभी नहीं। उन्होंने कहा कि उनका मकसद है बीजेपी को सत्ता से बाहर करना। इस पर संजय राउत ने समर्थन जताते हुए कहा, “शरद पवार एक अनुभवी नेता हैं। अगर उन्होंने कहा है कि बीजेपी को हराना है, तो उनका निर्णय स्वागत योग्य है।” राजनीतिक समीकरणों के इस उथल-पुथल भरे दौर में सबकी निगाहें अब राज ठाकरे के फैसले पर टिकी हैं।