गुजरात के सूरत के कपड़ा कारोबारी की सिंगर बेटी मानवी जैन अब संन्यासी बन गई है, कभी फ़ोटोग्राफ़ी, मॉडलिंग और महंगे ब्रांडेड कपड़ों की शौकीन रही मानवी अब सभी सांसारिक सुखों का त्याग कर संयम की राह पर चल पड़ी है।
सूरत के कपड़ा कारोबारी की 22 साल की बेटी मानवी जैन ने सोमवार की सुबह सांसारिक सुखों का त्याग कर दीक्षा ग्रहण कर ली। दीक्षा ग्रहण करने के लिए वह अपने घर से सज धज कर कार में सवार होकर निकल पड़ी थी। दीक्षार्थी मानवी जैन की कार चल रही थी तो उसके आगे ढोल नगाड़े बज रहे थे और लोग भी साथ में चल रहे थे। दीक्षार्थी मानवी जैन जिस कार में सवार थीं, उसमें उनके साथ माता पिता भी सवार थे।
जैन धर्म गुरुओं के सानिध्य में मानवी जैन ने दीक्षा ली और वह सांसारिक बंधनों से मुक्त होने बेहद खुश नज़र आई। दीक्षा लेने के बाद मानवी जैन को नया नाम योगरुचि रेखासिद्धी दिया गया है। दीक्षा समारोह में जैन मुनि भगवंतों के अलावा जैन साध्वी भी बड़ी तादाद में उपस्थित थीं।
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वहीं बीकॉम तक पढ़ाई करने के बाद दीक्षा ग्रहण करने वाली मानवी जैन के पिता अतुल भाई जैन बेटी के संयम मार्ग चुनने से बेहद खुश हैं।
अपनी आवाज के दम पर कभी बॉलीवुड में प्लेबैक सिंगर बनने का सपना संजोने वाली मानवी जैन दीक्षा ग्रहण कर संन्यासी बन चुकी है। अब संसार की किसी भी सुख सुविधाओं या रिश्तों से उनका कोई संबंध नहीं रहा है।
बता दें कि मानवी जैन को दीक्षा देने वाले आचार्य भगवंत गुणरत्न सूरिश्वरजी महाराज साहेब जैन समाज में दीक्षा दानेश्वरी के नाम से पहचाना जाता है।
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ये कोई पहली बार नहीं हो रहा है कि किसी अमीर कारोबारी की बेटी ने संन्यास इतनी कम उम्र में संन्यास ले लिया हो, इससे पह भी सूरत में कई समृद्ध परिवारों के बच्चे संन्यास की तरफ रुख कर चुके हैं। इससे पहले सूरत के हीरा कारोबारी हितेश मेहता की सबसे छोटी बेटी वैश्वी ने संन्यास की दीक्षा ले ली थी।