डिस्कवरी कम्युनिशेन के साइंस चैनल ने भारत और श्रीलंका को जोड़ने वाले रामसेतु पुल को एक बार फिर चर्चा में लाकर खड़ा कर दिया है। हिन्दू के पौराणिक ग्रंथों में भारत और श्रीलंका को जोड़ने वाले पुल का सच क्या है? भू-वैज्ञानिकों विश्लेषण इसे सच बताता है।” एनसिएंट लैंड ब्रिज नाम के एक प्रोमो में ऐसा दावा किया गया है, जो बुधवार की शाम साढ़े सात बजे डिस्कवरी कम्युनिशेन के साइंस चैनल पर अमेरिका में दिखाया जाएगा।
अमेरिकन भू-वैज्ञानिक ने कहा है कि भारत में रामेश्वर के नजदीक पामबन द्वीप से श्रीलंका के मन्नार द्वीप तक लंबी इस बनी पत्थरों की यह श्रृंखला मानव निर्मित है। इस प्रोमो को करीब ग्यारह लाख से ज्यादा लोग देख चुके हैं जिसे साइंस चैनल ने करीब 17 घंटे पर अपने सोशल मीडिया पर शेयर किया है।
भारत के दक्षिण-पूर्वी तट के किनारे तमिलनाडु स्थित रामेश्वरम द्वीप और श्रीलंका के उत्तर-पश्चिमी तट मन्नार द्वीप के बीच चूना पत्थर से बनी एक श्रृंखला आज भी एक रहस्य बना हुआ है। हिन्दू पौराणिक कथाओं में इसे रामसेतु पुल बताया गया है। साइंस चैनल ने व्हाट ‘ऑन अर्थ एनसिएंट लैंड एंड ब्रिज’ नाम से एक डॉक्यूमेंट्री बनाई है। जिसमें भू-वैज्ञानिकों की तरफ से यह विश्लेषण इस ढांचे के बारे में किया गया है। आइये बताते है इस पुल को लेकर अमेरिकी भू-वैज्ञानिकों ने क्या निष्कर्ष निकाला है और उनका क्या दावा है-
Are the ancient Hindu myths of a land bridge connecting India and Sri Lanka true? Scientific analysis suggests they are. #WhatonEarth pic.twitter.com/EKcoGzlEET
— Science Channel (@ScienceChannel) December 11, 2017
आपको बता दें कि भू-वैज्ञानिकों ने नासा की तरफ से ली गई तस्वीर को प्राकृतिक बताया है।वैज्ञानिकों ने अपने विश्लेषण में यह पाया कि 30 मील लंबी यह श्रृंखला चेन मानव निर्मित है। अपने विश्लेषण में भू-वैज्ञानिकों को यह पता चला कि जिस सैंड पर यह पत्थर रखा हुआ है ये कहीं दूर जगह से यहां पर लाया गया है। उनके मुताबिक, यहां पर लाया गए पत्थर करीब 7 हजार साल पुराना है। जबकि, जिस सैंड के ऊपर यह पत्थर रखा गया है वह मजह सिर्फ चार हजार साल पुराना है। खास बात यह है कि हमारे पौराणिक ग्रंथो के अनुसार भी रामायण की घटनाओं का जो समय बताया जाता है वह भी यही है।
वहीं सूचना प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी ने भी इस वीडियो को जय श्री राम कैप्शन के साथ री-ट्वीट किया है।
जय श्री राम 🙏🙏🙏🙏 https://t.co/M85KFnyZIY
— Smriti Z Irani (@smritiirani) December 11, 2017
यहां यह बताना जरूरी है कि इस रामसेतु को लेकर विवाद भी कम नहीं हुए हैं। कांग्रेस की मनमोहन सिंह सरकार के सत्ता में रहते सरकार ने यह मानने से ही इंकार कर दिया था कि भगवान राम वास्तव में हैं। सरकार ने रामसेतु के संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दे डाला था कि चूंकि हिंदुओं के तथाकथित भगवान राम सिर्फ मिथकों में हैं इसलिए रामसेतु का अस्तित्व ही नहीं होता। तब इस पर काफी विवाद हुआ था।
बहरहाल नासा की तस्वीरों से इतना तो तय हो गया है कि रामसेतु की पूरी संरचना मानव निर्मित है। भविष्य में यह संभव है कि भगवान राम से जुड़े और भी तथ्य औऱ प्रमाण हमारे सामने आएं।