स्लॉटर हाउस के मुद्दे पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के लखनऊ बेंच ने योगी सरकार को लताड़ लगाई है। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि आप किसी को हठ पूर्वक मांसाहार का सेवन करने से नहीं रोक सकते है। साथ ही बेंच ने यूपी सरकार की उस याचिका को खारिज किया जिसमें सरकार ने अपील की थी कि बूचड़खानों का निर्माण कराना सरकार की जिम्मेदारी नहीं है। याचिका की सुनवाई कर रहे दो खंडपीठ के जजों ने कहा,’सरकार अपने इस जिम्मेदारी से पीछे नहीं हट सकती। अगर राज्य में वैध बूचड़खाने नहीं है तो यह जिम्मेदारी राज्य एवं स्थानीय प्रशासन की है कि वह बूचड़खानों के मालिकों को वैध लाइसेंस प्रदान कर बूचड़खाने का निर्माण करवाए साथ ही पुराने लाइसेंसों का 17 जुलाई तक नवीनीकरण करे।

बता दें कि गुरुवार की सुबह बूचड़खानों से जुड़ी याचिका की सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति एपी साही और न्यायमूर्ति संजय हरकौलि की खंडपीठ ने कहा,’सरकार अपने मर्जी से किसी आम जनता के जायके पर रोक नहीं लगा सकती, साथ ही जो पुराने लाइसेंस नवीनीकरण किए जाने है उसे जल्द से जल्द नवीनीकरण करे।‘ जबकी उधर सरकार के तरफ से कोर्ट के समक्ष कहा गया कि उच्चतम न्यायालय और राष्ट्रीय हरित अधिकरण के निर्देशों का पालन होने पर ही पुराने वैध लाइसेंसों का नवीनीकरण करेगी।

गौरतलब है कि सत्ता में योगी सरकार के आने के बाद सर्वप्रथम सीएम योगी ने अपने घोषणापत्र में किए गए वादे अनुसार सोमवार 20 मार्च को राज्य के सभी स्थानीय पुलिस अधिकारियों को अवैध रुप से संचालित हो रहे बूचड़खानों को बंद करने का आदेश दिया था। साथ ही वह वैध बूचड़खाने जिन्होंने अपने लाइसेंस को रिन्यू नहीं करवाया था, प्रशासन ने उन्हे भी बंद कर दिया।

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