सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के विरुद्ध कार्रवाई में अडंगा डालने वालों को सख्त चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि किसी भी तरह का अड़ंगा आतंकी हरकत ही माना जाएगा..और उसी हिसाब से उपद्रवियों पर सख्ती भी होगी। और उत्तर प्रदेश में पहले दो दौर के मतदान के आधार पर अपनी अपनी सरकार बनने के सभी दलों के दावे हैं। राज्य में अब तीसरे दौर के मतदान की बारी है। इसमें कई इलाके समाजवादी पार्टी के गढ़ वाले हैं। सवाल है क्या ये गढ़ सीएम अखिलेश की सत्ता की सुरक्षा कर पाएंगे?
इन दोनों विषय पर चर्चा हुई। इस मुद्दे पर चर्चा के लिए विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल थे। इन लोगों में गोविंद पंत राजू (सलाहकार संपादक एपीएन न्यूज), एस पी सिन्हा (रिटायर्ड) मेजर जनरल, रक्षा विशेषज्ञ), शिवदान सिंह, (रिटायर्ड) कर्नल, रक्षा विशेषज्ञ), कमल हक (प्रवक्ता पनुन कश्मीर), सुरेन्द्र राजपूत (प्रवक्ता यूपी कांग्रेस), नरेन्द्र सिंह राणा (प्रवक्ता यूपी बीजेपी), संजीव मिश्रा (प्रवक्ता, सपा) शामिल थे। इस कार्यक्रम का संचालन एंकर अभिलाषा ने किया।
गोविन्द पंत राजू ने कहा की लोगों के द्वारा जो पत्थराव किया गया था उसकी वजह से आतंकवादियों को भागने में मदद मिली। चेतावनी बहुत साफ है, सन्देश बहुत बहुत साफ है। लेकिन वहाँ का जो राजनितिक प्रशासन है यह चुनौती उसके लिए भी है।
एस पी सिन्हा ने कहा कि दिक्कत जम्मू और कश्मीर के 22 में से 5 जिलों में है, दिक्कत आर्टिकल 370 है। राजनीतिक तंत्र पाकिस्तान को अपना इमान बेच चुका है। दिक्कत है फारूक अब्दुल्ला। मैं पूछना चाहता हूँ फारूक अब्दुल्ला से कि जम्मू और कश्मीर क्या उसके बाप की सम्पति है। “where was he before 1947.” हम लोग इतने भ्रमित क्यों है? समाधान यह है कि दुश्मन को सही मायने में परिभाषित करने की जरूरत है।
शिवदान सिंह ने कहा कि जो घटना यहां हुई है इससे सेना के मनोबल पर बहुत प्रभाव पड़ा है। पत्थर फेकना यह दर्शाता है कि जो शहादत हुई है उससे किसी को कोई फऱक नहीं पड़ता। इस वक़्त हमारी सेना एक पेशेवर सेना है। हमें धीरे-धीरे वहां पर प्रशासन को साफ करना चाहिए।
कमल हक़ ने कहा कि कुछ अलगावादी तत्व इन लोगों को भटक है और शायद लालच दे रहे है। हम मुद्दे पर गंभीरता से और ईमानदारी से बात नहीं करना चाहते।
ब्रेक के बाद उत्तर प्रदेश के हालात पर चर्चा हुई,जहां अखिलेश के गठबंधन के दांव पर बहस हुई। सुरेंद्र राजपूत ने कहा कि गठबंधन तो सरकार बनाने के लिए ही किया है और सरकार तभी बनेगी जब आधे से ज़्यादा वोट हम लोग जीत कर आएँगे और हम प्रचंड बहुमत से जीतेंगे। जो ताकते झूठे वादे, झूठे जुमले, किसानों को, नौजवानों को और गरीबों को देना चाहती है इस तरीके की ताकतों के खिलाफ यह गठबंधन है। गठबंधन पूर्ण बहुमत की ओर जा रहा है और चुनाव उत्तर प्रदेश की व्यवस्था- अव्यवस्था को लेकर है।
नरेंद्र सिंह राणा ने कहा कि अखिलेश यादव सरकार ने अपने कार्यकाल में जो काम किये है वो काम नही कारनामे है। अखिलेश यादव के पास 2014 से 2017 के बिच में बहुत सारा अवसर था वह काम कर सकते थे लोगों का विश्वास जीत सकते थे लेकिन इन्होनें एक ड्रामा खड़ा किया।
संजीव मिश्रा ने कहा कि पार्टी नेतृत्व को तय करना होता है कि कौन चुनाव जीत कर आ रहा है। उतर प्रदेश में अखिलेश जी का चेहरा ही काफी है। हमारे यहाँ जो विरोध की बात कर रहे है उन लोगों के पास क्षमताएं नहीं थी की वो जीत कर आते और पार्टी नेतृत्व ने जो किया है उसके बाद समाजवादी पार्टी एक जुट है और बड़े पैमाने पर जीत कर आऐगी और सरकार बनायेगें। बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि हमने गठबधंन डंके की चोट पर किया है। दूसरों की तरह छुप छुपा कर नहीं।