दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता जितेंद्र सिंह तोमर की फर्जी डिग्री रद्द करने के मामले में अब अंतिम फैसला बिहार स्थित तिलकामांझी भागलपुर यूनिवर्सिटी की सिनेट की बैठक में लिया जायेगा। सीनेट की बैठक में उनकी डिग्री को रद्द किया जा सकता है। इससे पहले तोमर की कानून की डिग्री फर्जी पाए जाने पर उसे रद्द करने का फैसला लेने का अधिकार बिहार के राज्यपाल ने भागलपुर यूनिवर्सिटी को दे दिया था।
भागलपुर यूनिवर्सिटी में गुरुवार को हुई सिंडिकेट की बैठक में इस मामले पर चर्चा हुई जिसमे तोमर की डिग्री रद्द करने की अनुशंसा कर दी गई है। अब इस प्रस्ताव को सीनेट में भेजा जाएगा। इसके अलावा दिल्ली पुलिस की जाँच में दोषी पाए गए भागलपुर विश्वविद्यालय के कर्मचारियों पर कारवाई की अनुशंसा भी की गई है। इस मामले में यूनिवर्सिटी पहले ही ऐडवोकेट जेनरल से कानूनी सलाह ले चुका है।
सिंडिकेट की इस बैठक से पहले परीक्षा विभाग और अनुशासन समिति तोमर की डिग्री रद्द करने की सिफ़ारिश कर चुके हैं। इन दोनों विभागों की अनुशंसा और दिल्ली पुलिस की जाँच में फर्जी पाई गई इस डिग्री को रद्द करने के लिए इससे पहले 3 दिसम्बर को सिंडिकेट की बैठक में मुहर लग चुकी थी। हालाँकि नियमों के मुताबिक डिग्री रद्द करने से पहले कुलाधिपति(राज्य के राज्यपाल) की सहमति जरुरी होती है। इसी को ध्यान में रख कर यूनिवर्सिटी ने कुलाधिपति से अनुशंसा की थी। राज्यपाल ने अब अपने आदेश में अंतिम फैसला लेने का अधिकार भागलपुर विश्वविद्यालय प्रशासन को दे दी है। जिसके बाद तोमर की डिग्री रद्द होने का रास्ता साफ़ हो गया है।
गौरतलब है कि दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री रहे जितेंद्र सिंह तोमर ने अपने डिग्री की जानकारी देते हुए कहा था कि उन्होंने मुंगेर के विश्र्वनाथ सिंह लॉ कॉलेज से पढ़ाई की थी। लेकिन उनकी डिग्री पर उठे विवाद के बाद हुई पुलिस और विश्वविद्यालय की जाँच में यह बात स्पष्ट हो गई कि उन्होंने कर्मचारियों की मिलीभगत से फर्जी डिग्री हासिल की थी। मामले के प्रकाश में आने के बाद तोमर सहित आम आदमी पार्टी और भागलपुर यूनिवर्सिटी की काफी किरकिरी हुई थी। जाँच के दौरान तोमर को भागलपुर में काफी विरोध का सामना भी करना पड़ा था।
आपको बता दें कि तिलकामांझी भागलपुर यूनिवर्सिटी के कुलपति रामधारी सिंह दिनकर जैसे विभूति भी रह चुके हैं। यह विश्वविद्यालय तोमर डिग्री विवाद के अलावा परीक्षा विभाग में गड़बड़ी,पंद्रह हज़ार फर्जी डिग्री और सेशन में लेट लतीफी को लेकर भी चर्चा में रहा है।