कानपुर के मतदाताओं में जागरूकता फ़ैलाने और वोट देने को प्रेरित करने के उद्देश्य से वहां के डॉक्टरों ने एक अनोखा अभियान शुरू किया है। कानपुर के एक स्वास्थ्य शिविर में मरीजों को निशुल्क देखा जा रहा है। उन्हें दवाइयाँ भी मुफ्त दी जा रही है लेकिन एक शर्त के साथ कि वे चुनाव के दिन अपना वोट जरूर डालेगें। लोकतंत्र की मजबूती के लिये ये जरूरी है कि सभी मतदाता आपने मताधिकार का प्रयोग अवश्य करें लेकिन कानपुर के पिछले आम चुनावों में मतदान का प्रतिशत बहुत अच्छा नहीं रहा है। इसलिये अब यहाँ के डाक्टरों ने अपने मरीजों की बिगड़ी सेहत दुरूस्त करने के लिये दवाओं का नुस्खा लिख कर देने के साथ-साथ लोकतंत्र की सेहत ठीक रखने का नुस्खा भी लिख कर देने की जुगत निकाली है। उनके द्वारा दिये जा रहे पर्चो पर मुहर लगी होती है जिसपर अंग्रेजी व हिन्दी भाषा में मतदान करने की सलाह दर्ज होती है।

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दरअसल उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव की तैयारी में हर नेता,पार्टी कार्यकर्त्ता और आम जनता किसी न किसी तरह शामिल हो चुके हैं।कोई विरोध में तो कोई किसी के पक्ष में लगा हुआ है राजनीती के अखाड़े में एक दूसरे को पटखनी देने के लिए हर मुमकिन चाल चली जा रही है। लोकतंत्र के इस पर्व को सफल बनाने में निर्वाचन आयोग के साथ पूरा प्रशासनिक अमला भी लगा हुआ है। निष्पक्ष मतदान और आचार संहिता का कड़ाई से पालन कराना चुनाव आयोग का पहला लक्ष्य है। इससे भी बड़ी चुनौती वोट प्रतिशत को बढ़ाने की है।आयोग इसके लिए बड़े पैमाने पर जागरूकता कार्यक्रम चला रहा है।इसके लिए स्वयंसेवी संस्थाओं के साथ कई बड़े और मशहूर नामों और शख्सियतों का सहारा भी लिया जा रहा है। कानपुर जिला प्रशासन के अधिकारी भी इस चिकित्सा शिविर में पहुँच रहे हैं और उन्होने कई अन्य डाक्टरों को शपथ भी दिलाई कि वे भी 19 फरवरी को होने वाले मतदान में भाग लेने के लिये अपने मरीजों को प्रेरित करेगें। इस खास डाक्टरी सलाह का असर मरीजों पर पड़ने भी लगा है। डॉक्टरों का यह कार्य सराहनीय है।

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