ज्यों ज्यों नतीजों के दिन पास आ रहे हैं, राजनीतिक दलों के दिल की धड़कनें भी तेज हो गई हैं। चुनाव के दिनों में पार्टियों ने जनता को लुभाने में कोई कसर तो नहीं छोड़ी थी, मगर देखना अब यह है कि जनता ने किसको स्वीकारा और किसको नकारा? यूपी में किसकी सरकार होगी, कौन सत्ता की कुर्सी पर विराजमान होगा? सभी दलों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है, एक तरफ गठबंधन तो दूसरी तरफ पीएम मोदी और बहनजी की साख दांव है। नतीजों के साथ नई सत्ता दस्तक देने वाली है। यूपी के ये विधानसभा चुनाव, 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले की सबसे बड़ी चुनावी जंग है। आखिर यूपी में अगली सरकार की तस्वीर कैसी होगी?

एपीएन के खास शो मुद्दा में इन्हीं पहलुओं को लेकर चर्चा की गई कि राजनैतिक दलों की अब कैसी दशा है, उनके दिलों की धड़कन तेज है या पार्टी आत्मविश्वास से लबालब है?  इसी पर चर्चा करने के लिए स्टूडियो में सुनील भराला ( नेता,बीजेपी), संजीव मिश्रा (प्रवक्ता,सपा), गोविंद पंत राजू ( सलाहकार संपादक, एपीएन) और कृष्णकांत पांडे (प्रवक्ता,कांग्रेस) बतौर मेहमान मौजूद थे। शो का संचालन एंकर हिमांशु दीक्षित ने किया।

सुनील भराला जी ने बड़े आत्मविश्वास से अपनी बात रखते हुए कहा कि बीजेपी की धड़कन नहीं बढ़ी है, हम लोग स्थिर है। बीजेपी अपनो कामों पर आश्वस्त है, हमने अपने कामों पर चुनाव लड़ा है और सपा, बसपा के कारनामों से जनता को अवगत कराया है। बीजेपी को जनता का समर्थन मिला है। वाराणसी, पीएम मोदी जी का संसदीय क्षेत्र है और वह शिव की भी नगरी है तो मोदी जी के वहां तीन दिन रुकने से जनता का बीजेपी पर भारी विश्वास बना है। भारतीय जनता पार्टी, गरीबों की पार्टी बनकर उभरी है।

संजीव मिश्रा जी ने कहा कि पीएम मोदी उस विद्यार्थी की तरह हैं जो पूरा साल तो मेहनत करते नहीं  और परीक्षा से एक रात पहले जागते हैं। दिल्ली की संसद बनारस जरुर हुई, लेकिन हालात देखिए, बातें तो श्मशान, कब्रिस्तान की ही की। जुमलेबाजी दलों और सपा में अंतर है। हम जुमलेबाजी की सरकार नहीं चलाते। परिणाम चौंकाने वाले होंगे। चुटीले अंदाज में आगे उन्होंने कहा कि बीजेपी जो इतने बड़े बड़े सपने देख रही है, उनका क्या होगा परिणाम के दिन? लगता है अस्पतालों में व्यवस्था करानी पड़ेगी।

के.के. पांडे जी ने कहा कि चुनावों ने गठबंधन में बढ़त बनाई है। सभी राजनैतिक दलों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। बीजेपी हताश है और उनकी यह हताशा मऊ और बनारस की रैली में दिख गई थी। तीन दिन तक बनारस में डेरा डालना, उनकी चिंता को ही दर्शाता है और उनकी यह हताशा हमारी जीत की द्योत्क है। गठबंधन निश्चित तौर पर शपथग्रहण के साथ होली मनाएगा।

गोविंद पंत राजू जी ने कहा कि यह चुनाव राजनैतिक दलों का भविष्य तय करने वाला चुनाव है। सभी की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। परिवार की कलह के बाद सपा पार्टी अखिलेश की पार्टी बन गई है। वह अपने दांवों पर कितना खरा उतरेंगे, नतीजों से सब साफ हो जाएगा। लेकिन इसमें सबसे ज्यादा फायदा अगर होगा तो वह कांग्रेस का होगा। कांग्रेस के पास न तो कुछ हारने को है, न जीतने को। कांग्रेस का कुछ दांव पर नहीं लगा है। वह सिर्फ धुंआ देख रही है। कांग्रेस का कुछ भी खर्च नहीं हुआ, सारा खर्च सपा का हुआ है। लेकिन जो भी होगा, 11 मार्च को सब साफ हो जाएगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here