कोरोना काल में काफी कुछ बदलाव आने वाला है। शिक्षा नीति भी बदल गई है। आने वाले समय में नौकरियों में भी बड़ा बदलाव आने वाला है। कई सेक्टर में नौकरियां खत्म हो जाएंगी। और कुछ सेक्टर में नैकरियों के नए अवसर प्राप्त होंगे।
कोरोना ने व्यक्ति के शरीर पर नहीं बल्की दिमाग पर गहरा चोट पहुंचाया है। ILO (इंटरनेशनल लेबर ऑर्गेनाइजेशन) और ADB(एशियन डेवलपमेंट बैंक) की रिपोर्ट बताती है कि देश में कोरोना आने के बाद 41 लाख युवाओं ने नौकरी खो दी। वहीं CMIE (सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी) के मुताबिक, करीब 12.2 करोड़ लोगों की नौकरी चली गई है। ये आंकड़े सिर्फ अगस्त महीने तक के हैं। इससे आप यह समझ सकते हैं कि बेरोजगारी के हालात कैसे हैं।

वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की रिपोर्ट बताती है कि कोरोना ने भविष्य की नौकरियों का विकास भी किया है। Future of Jobs Report 2020 के मुताबिक, नई नौकरियां उन जगहों पर आने वाली हैं, जहां नई तरह की स्किल्स और वर्कर्स को प्रोटेक्शन की जरूरत होगी। अगले पांच साल में दुनिया में करीब 9.7 करोड़ नई जॉब आएंगी, लेकिन करीब 8.5 करोड़ लोगों की नौकरियां जाएंगी।
भविष्य में जॉब पाने के लिए ये चार स्किल होना आवश्यक है।
- प्रॉब्लम सॉल्विंग
- सेल्फ मैनेजमेंट
- वर्किंग विद पीपल
- टेक्नोलॉजी यूज एंड डेवलपमेंट
ये हैं 10 फिल्ड जहां नई नौकरियों के होंगे अवसर
- डाटा एनालिस्ट और साइंटिस्ट
- एआई और मशीन लर्निंग स्पेशलिस्ट
- बिग डाटा स्पेशलिस्ट
- डिजिटल मार्केटिंग और स्ट्रैजी स्पेशलिस्ट
- ऑटोमेशन एक्सपर्ट्स
- बिजनेस डेवलपमेंट प्रोफेशनल्स
- डिजिटल ट्रांस-फार्मेशन स्पेशलिस्ट
- इनफार्मेशन सिक्युरिटी एनालिस्ट
- सॉफ्टवेयर और एप्लीकेशन डेवलपर्स
- इंटरनेट स्पेशलिस्ट
इस 10 फील्ड में खत्म हो सकती हैं नौकरियां
- डाटा इंट्री क्लर्क
- एडमिनिस्ट्रेटिव और एग्जीक्यूटिव सेक्रेटरी
- अकाउंटिंग, बुककीपिंग और पे-रोल कर्ल्क
- अकाउंटेंट और ऑडिटर्स
- असेंबली और फैक्टरी वर्कर्स
- बिजनेस और एडमिनिस्ट्रेटिव मैनेजर्स
- क्लाइंट और कस्टमर सर्विस वर्कर्स
- ऑपरेशन्स मैनेजर
- मशीन रिपेर्यस
- स्टॉक कीपिंग कर्ल्क
इस 10 स्किल में हो जाए महान
- एनालिटिकल थिंकिंग और इनोवेशन
- एक्टिव लर्निंग स्ट्रेटजी
- कॉम्पलेक्स प्राब्लम सॉल्विंग
- क्रिटिकल थिंकिंग एंड एनालिसिस
- क्रिएटिविटी, ओरजनीलिटी, इनीशिएटिव
- लीडरशिप और स्पेशल इन्फलुएंस
- टेक्नोलॉजी यूज, मॉनिटरिंग और कंट्रोल
- टेक्नोलॉजी डिजाइन और प्रोग्रामिंग
- स्ट्रेस टॉलरेंस और फ्लेक्सिब्लिटी
- रीजनिंग, प्रॉब्लम सॉल्विंग औऱ आईडीयेशन
वहीं आने वाले समय में 40 फीसदी वर्कर्स को आने वाले पांच सालों में अपनी कोर स्किल्स को बदलने की जरूरत है।