हिमाचल में तेजी से पांव पसार रही है ये बीमारी, सालभर में अस्पताल से सामने आये 650 मरीज, यहां जानें वजह…

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Cancer Cases in Himachal : उत्तर भारत के हिमाचल प्रदेश में कैंसर की बीमारी गंभीर चर्चा का विषय बनी हुई है। राज्य में कैंसर के केसों में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है। इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आईजीएमसी) के मुताबिक राज्य भर में महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर और पुरुषों में फेफड़ों के कैंसर की समस्या काफी संख्या में पाई गई है। मीडिया रेपोर्ट्स के अनुसार, हिमाचल प्रदेश में हर साल करीब 5000 लोग कैंसर की बीमारी से जूझ रहे हैं। ऐसे में यह सवाल उठ रहा है कि आखिर इतनी तेजी से कैंसर की समस्या राज्य में क्यों बढ़ रही है?

Cancer Cases in Himachal : आईजीएमसी के डॉक्टरों के मुताबिक, अस्पताल में हर वर्ष ब्रेस्ट कैंसर के मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, आंकड़ों के अनुसार 650 ब्रेस्ट कैंसर के केस केवल 1 साल के अंदर रिपोर्ट हुए हैं। डॉक्टर्स ने यह भी बताया कि 40 साल से कम उम्र की 30 प्रतिशत महिलायें ब्रेस्ट कैंसर की बीमारी से जूझ रही हैं। लोगों में कैंसर की समस्या के मुख्य कारण खान-पान में असंतुलन, खराब लाइफस्टाइल और प्रदूषित वातावरण बताए गए हैं।

क्या होता है ब्रेस्ट कैंसर?

ब्रेसट कैंसर शरीर के अंदर गांठ के रूप में हो सकता है। इन गांठों की संख्या एक या एक से ज्यादा हो सकती है। इन गांठों का पता डॉक्टर द्वारा ब्रेस्ट को महसूस करके किया जाता है। जिसके बाद डॉक्टर जरूरत पड़ने पर ब्रेस्ट अल्ट्रासाउन्ड या एक्सरे (X-ray) करने के लिए सलाह दे सकते हैं। बता दें, जब कैंसर ब्रेस्ट के अंदर फैलता है तो उस एरिया में बार-बार दर्द होता है, जिसके बाद स्किन लाल हो जाती है ओर कठोर गांठें महसूस होने लगती हैं। अगर इस तरह के लक्षण नजर आते हैं तो तुरंत अपने डॉक्टर से सलाह लें और जल्द से जल्द इलाज करवाएं।

क्या हैं ब्रेस्ट कैंसर के कारण?

-नशीली चीजों का सेवन, जैसे शराब, सिगरेट स्मोकिंग करना महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर का कारण बनता है। अपने शरीर की क्षमता से अधिक कोई भी नशा करना कैंसर को जन्म देता है।

-ऐसा देखा गया है कि जब परिवार के किसी करीबी रिश्तेदार को ब्रेस्ट कैंसर हुआ हो, तो ऐसे में उसी परिवार की अन्य महिलाओं में ब्रेस्ट कंकेर की संभावना बढ़ जाती है।

  • -मासिक धर्म (Periods) की साइकल में परिवर्तन या लगातार दर्द कैंसर का साइन हो सकता है। माहवारी का 7 दिन से ज़्यादा चलना या फिर बड़े ब्ल्ड क्लॉट्स का निकलना सामान्य नहीं माना जाता है।

इन उपायों को अपनाकर करें कैंसर से बचाव

-रोजाना एक्सर्साइज करें। हो सके तो सुबह और शाम दोनों समय सैर पर जाएं।

-स्मोकिंग और शराब के सेवन करने से बचें। अपने लाइफस्टाइल में सुधार करने का प्रयास करें।

-पौष्टिक आहार जैसे, हरी सब्जियां, कम तला हुआ खाएं। जंक फूड को अवॉइड करें।

बता दें, कैंसर देशभर में एक बहुत बड़ी समस्या बनता जा रहा है। मालूम हो कि, कुछ समय पहले लोकसभा में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रो. एस. पी. सिंह बघेल द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में बताया गया था, वर्ष 2020 में कैंसर से मरने वालों का आंकड़ा 7,70,230 था। जो कि 2021 में बढ़कर 7,89,202 हुआ। वहीं, वर्ष 2022 के दौरान कैंसर की बीमारी से होने वाली मौतों की संख्या 8,08,558 थी। आंकड़े साफ दर्शा रहे हैं कि बीते 3 वर्षों में कैंसर से मरने वालों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हुई है।

अगर राज्यों के हिसाब से देखें तो देशभर में सबसे अधिक कैंसर के मरीज उत्तर प्रदेश में हैं। यहां साल 2022 में कैंसर के मरीजों की संख्या 2,10,958 थी। वहीं, देश में कैंसर के सबसे कम मरीज केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप में हैं। यहां पर कैंसर मरीजों की संख्या वर्ष 2020 में 27 थी, जो कि 2021 में 28 हुई और 2022 में भी यह आंकड़ा 28 पर ही बना हुआ है।

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