दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने मंगलवार (19 दिसंबर) को हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में उनके एलआईसी एजेंट आनंद चौहान की ज़मानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया। पटियाला हाउस कोर्ट 23 दिसंबर को फैसला सुनायेगा। आनंद चौहान ने 30 नवंबर को नियमित जमानत के लिए अर्जी दायर की थी।
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने आनंद चौहान की नियमित ज़मानत अर्ज़ी पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने 24 नवंबर को आनंद चौहान को उनकी भतीजी की शादी में शामिल होने के लिए 25 नवंबर से 5 दिसंबर तक अंतरिम जमानत दी थी।
बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय ने 83 वर्षीय नेता वीरभद्र सिंह, उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह और बेटे विक्रमादित्य को मनी लॉड्रिंग केस में आरोपी बनाया है। वीरभद्र सिंह के खिलाफ सीबीआई की ओर से आपराधिक शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने सितंबर 2015 में उनके और अन्य के खिलाफ मनी लॉड्रिंग रोकथाम कानून (PMLA) के तहत मामला दर्ज किया था।
वीरभद्र सिंह के खिलाफ मनी लॉड्रिंग केस में आनंद चौहान को भी सीबीआई ने आरोपी बनाया है। आनंद चौहान, वीरभद्र सिंह के एलआईसी एजेंट के तौर पर काम कर रहे थे। प्रवर्तन निदेशालय ने 8 जुलाई 2016 को आनंद चौहान को चंडीगढ़ से गिरफ्तार किया था।
चौहान पर आरोप हैं कि उसने वीरभद्र सिंह के पांच करोड़ रुपये जीवन बीमा में निवेश करवाए। ईडी का कहना है कि पहले आनंद चौहान ने वीरभद्र सिंह से पांच करोड़ रुपये से ज़्यादा की रकम कैश में ली और फिर उसे अपने बैंक खाते में जमा करवा। इसके बाद उसने वीरभद्र सिंह और उनके रिश्तेदारों के नाम पर LIC पॉलिसी खरीदकर रकम को उसमें निवेश कर दिया।
कोर्ट ने आनंद चौहान के खिलाफ आरोप तय करने के लिए 18 जनवरी 2018 की तारीख तय की है।