सुप्रीम कोर्ट ने सड़क सुरक्षा से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई करते हुए आदेश दिया कि नए वाहनों के रजिस्ट्रेशन के समय थर्ड पार्टी इंश्योरेंस अनिवार्य होगा। सुप्रीम कोर्ट ने 1 सितंबर से नए चार पहिया वाहनों के रजिस्ट्रेशन कराते समय तीन सालों के लिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस,जबकि दोपहिया वाहनों के लिए 5 साल तक के लिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस अनिवार्य करने का आदेश दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं पर चिंता जताते हुए कोर्ट ने इंश्योरेंस कंपनी को फटकार लगते हुए कहा कि सड़क दुर्घटना में लोग मर रहे हैं। सड़क दुघर्टना में 1 लाख से ज्यादा मौत हर साल हो जाती है। हर तीन मिनट में एक दुर्घटना होती है,लोग मर रहे हैं और आप कह रहे है कि उन्हें मरने दिया जाए।

एमिकस गौरव अग्रवाल की तरफ से कहा गया थर्ड पार्टी इंश्योरेंस जब कार या बाइक खरीदी जाती है तब होता है उसके बाद नहीं कराया जाता। 66 फीसदी से ज्यादा ऐसे वाहन है जिनका थर्ड पार्टी इंश्योरेंस नही होता।

कोर्ट केंद्र सरकार की तरफ से कहा गया कि थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कोई लेना नहीं चाहता क्योंकि इंश्योरेंस की किश्त ज्यादा हो जाती है। दूसरी ओर इरडा ने थर्ड पार्टी इंश्योरेंस पर 8 महीने मांगे लेकिन कोर्ट ने इतना समय देने से इनकार करते हुए  IRDA से कहा कि आप इसे अनिवार्य बनाइये और 1 सितंबर से पहले फैसला लेकर सुप्रीम कोर्ट को बताइये।

सुनवाई के दौरान जस्टिस मदन बी लोकुर और जस्टिस दीपक गुप्ता की बेंच ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि सड़कों पर हुए गड्ढों से देश भर में बड़ी संख्या में लोग मारे जा रहे हैं। इससे जुड़ी रिपोर्टें बताती हैं कि इतने लोग तो आतंकवादी हमलों में भी नहीं मारे जाते जितने लोगों की मौत की वजह सड़कों के गड्ढे बन रहे हैं। जजों का यह भी कहना था कि गड्ढों से होने वाली दुर्घटनाओं में मारे जाने वालों के लिए मुआवजे का प्रावधान होना चाहिए।

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