Tajmahal Case: ताजमहल विवाद को लेकर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए याचिका को खारिज कर दिया। सुनवाई के दौरान इलाहाबाद हाईकोर्ट के लखनऊ बेंच ने याचिकाकर्ता को जमकर फटकार लगाई थीा कोर्ट ने साफ तौर पर कहा कि याचिका साफ न्यायिक मुददे पर आधारित नहीं है। पूरी तरह से तर्कहीन है।कोर्ट ने कहा कि सिस्टम का मजाक न बनाएं।
Tajmahal Case: याचिकाकर्ता को लगाई थी फटकार
गौरतलब है कि ताजमहल विवाद को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सख्त रुख अपनाया है। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता को जमकर फटकार लगाई। जस्टिस डीके उपाध्याय ने कहा कि याचिकाकर्ता PIL व्यवस्था का दुरुपयोग न करें। पहले यूनिवर्सिटी जाएं, PhD करें, तब कोर्ट आएं।
कोर्ट ने कहा कि अगर कोई रिसर्च करने से रोके, तब हमारे पास आना। उन्होंने कहा कि कल को आप आएंगे और कहेंगे कि आपको जजों के चेंबर में जाना है, तो क्या हम आपको चैंबर दिखाएंगे? इतिहास आपके मुताबिक नहीं पढ़ाया जाएगा। फिलहाल कोर्ट ने सुनवाई लंच के बाद दोपहर 2 बजे पर दोबारा करने का फैसला किया है।
Tajmahal Case: 22 कमरों को खुलवाए जाने की बात कही
पिछले दिनों अयोध्या के संत परमहंस ताजमहल में प्रवेश कर रहे थे, लेकिन उनका आरोप है कि उन्हें अंदर नहीं जाने दिया गया। इस पूरे मामले के बाद माहौल गरम हो गया है। इस बीच अयोध्या बीजेपी के मीडिया प्रभारी डा. रजनीश सिंह ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के लखनऊ बेंच में याचिका दायर कर 22 कमरों को खोलने की मांग की है।
उनका कहना है कि इन 22 कमरों में किसी को जाने की अनुमति नहीं है और इन कमरों में हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां हो सकती हैं। मांग की गई कि एएसआई से इनकी जांच कराई जाए। याचिका में इस बात का दावा किया गया कि ताजमहल में हिंदू देवी देवताओं की मूर्तियां हैं।
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