Supreme Court:सशस्त्र बलों के वन रैंक वन पेंशन यानी ओआरओपी योजना के तहत पात्र पेंशनर्स को एरियर के भुगतान से जुड़ा मामले की सुनवाई सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में हुई। मामले की सुनवाई के दौरान CJI की अध्यक्षता वाली बेंच के सामने AG आर वेंकटरमणी ने सीलबंद लिफाफे में दस्तावेज कोर्ट को सौंपा। CJI सील बंद लिफाफे में दस्तावेज सौंपे जाने पर आपत्ति जाहिर करते हुए कहा ने कहा की कोर्ट में सीलबंद लिफाफे में दस्तावेज दाखिल करने की परंपरा को हम खत्म करना चाहते हैं।
उन्होंने कहा जब हम इस प्रथा को बंद करेंगे तब ही हाईकेर्ट भी इसका पालन करना शुरू करेंगे।CJI ने कहा सीलबंद दस्तावेज निष्पक्ष न्याय की मूल प्रक्रिया के विपरीत है। इस मामले की सुनवाई में सीलकवर का कोई मतलब नहीं है।
उन्होंने कहा यह प्रक्रिया बुनियादी तौर पर न्याय के नियमों के खिलाफ है। यह कैसे संभव है कि आपके द्वारा दिए गए तथ्यों को दूसरे पक्ष को बताए बिना हम सुनवाई करें?
Supreme Court: बकाया पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश
Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने गैलंट्री अवॉर्ड और आर्मी के परिजनों को मिलने वाला भुगतान एक बार में किया जाने का आदेश दिया। साथ ही 70 साल या इसके ऊपर के आयु के पेंशनर्स को 30 जून तक भुगतान कर दिया जाए।इसके अलावा बाकी बचे पेंशनर्स का भुगतान 31 अगस्त और 30 नवम्बर 2023, 28 फरवरी 2024 तक तीन किस्तों में किया जाए।
केंद्र ने अदालत में प्रस्ताव दिया कि तीन और किश्तों में यह भुगतान इस साल 30 अगस्त, 30 नवंबर और 28 फरवरी, 2024 को कर दिया जाएगा। अदालत के आदेश के तहत केंद्र यह भुगतान करने को बाध्य है और अदालत स्थिति को ध्यान में रखते हुए केंद्र के प्रस्ताव को स्वीकार करती है। क्योंकि परिजनों और गैलंट्री अवॉर्ड विजेताओं को पेंशन का भुगतान किया जाना है।
इसके साथ ही कोर्ट को यह भी जानकारी दी कि वित्त मंत्रालय ने एकसाथ यह भुगतान करने में असमर्थता जता दी है।मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र ने बताया कि कुल पेंशनर्स की संख्या करीब 25 लाख है और एरियर करीब 28 हजार करोड़ रुपए बन रहा है।बजटरी आउटले 22-23 का 5 लाख करोड़ का है और 1.2 लाख करोड़ फरवरी में पहले दिया जा चुका है। 28 हजार करोड़ रुपए का एरियर 2019 से दिया जाना है।
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