Supreme Court: चुनाव के दौरान मतदाताओं को लुभाने के लिए विभिन्न राजनीतिक दलों की ओर से किए जाने वाले फ्री वादों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई करने से इंकार कर दिया है। कोर्ट ने याचिका दाखिल करने वाले हिंदू सेना उपाध्यक्ष सुरजीत सिंह यादव को फटकार लगाते हुए कहा कि उनका मकसद सिर्फ कुछ पार्टियों को नुकसान पहुंचाना है। बीते बुधवार को ही याचिकाकर्ता सुरजीत सिंह यादव ने सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की जल्द सुनवाई के लिए मेंशनिंग की थी।
Supreme Court: दलों की मान्यता रद्द करने की थी मांग
दरअसल विधानसभा चुनाव में सपा, कांग्रेस और आप के उम्मीदवारों को वोट के लिए चुनाव में झूठे वादे करने के लिए इन दलों की मान्यता रद्द करने की मांग करते हुए याचिका दाखिल की थी। याचिका में इन पार्टियों द्वारा, मुफ्त बिजली, लैपटॉप, स्मॉर्ट फोन, समाजवादी पेंशन योजना, पंजाब में महिलाओं को एक हजार रुपये प्रति माह भत्ते का जिक्र किया गया था। दलील दी गई थी, कि यह वादा भ्रष्टाचार की श्रेणी में आता है। इसलिए ऐसे दलों की मान्यता रद्द कर दी जानी चाहिए।
Supreme Court: दिल्ली में प्रशासनिक सेवाओं पर नियंत्रण को लेकर विवाद, कोर्ट 4 हफ्ते बाद करेगा सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के अधिकारियों के ट्रांसफर पोस्टिंग पर नियंत्रण को लेकर दिल्ली सरकार की याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर 4 हफ्ते बाद सुनवाई करेगा। दरअसल 2019 में इस मामले पर 2 जजों की बेंच के द्वारा दिए गए फैसले पर सहमत नहीं हुई थी। फिलहाल ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार उपराज्यपाल के पास है। CJI ने आज कहा कि यहां दो मुद्दे हैं, पहला 2 जजों की राय का अंतर है और दूसरी आप सरकार द्वारा नए अधिनियम की वैधता का मामला। CJI ने कहा कि हमें लगता है, कि ये विवाद 3 जजों की बेंच सुलझा सकती है। CJI ने यह बात ASG द्वारा मामले को संविधान पीठ को भेजे जाने का आग्रह किए जाने पर कही।
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