Supreme Court ने राष्ट्रीय और राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोगों में रिक्तियों पर स्टेटस रिपोर्ट नहीं दाखिल करने पर राज्य सरकारों के खिलाफ प्रतिकूल टिप्पणी की है। सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में चेतावनी दी है कि अगर दिये गये तय समय में स्टेटस रिपोर्ट नहीं दाखिल होती है तो उन पर 2 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय और राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग में खाली पदों को नहीं भरने को लेकर केंद्र एवं राज्य सरकारों के प्रति अपनी नाराजगी जाहिर की।
समय पर स्टेटस रिपोर्ट नहीं दाखिल करने लगेगा 2 लाख रुपये का जुर्माना
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजय किशन कौल और एमएम सुंदरेश की खंडपीठ ने बुधवार को काफी तल्ख लहजे में कहा कि अगर राज्य सरकारों ने स्टेटस रिपोर्ट दाखिल नहीं की तो उन पर 2 लाख रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा और इस जुर्माने की वसूली अधिकारियों से की जाएगी।
कोर्ट ने कहा कि अगर राज्य सरकार अवमानना का नोटिस नहीं चाहती है, तो उनको स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के लिए समय सीमा का पालन करना चहिए। इसके साथ ही कोर्ट ने इस मामले में अगली सुनवाई को तीन हफ्ते के लिये टाल दिया।
इस संबंध में माननीय कोर्ट को जानकारी देते हुए एमिकस क्यूरी गोपाल शंकरनारायणन ने बताया कि बिहार, गुजरात और गोवा की राज्य सरकारों ने अभी तक स्टेटस रिपोर्ट नहीं दाखिल की है। वहीं उत्तर प्रदेश सरकार के वकील ने बताया कि राज्य सरकार ने स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर दिया है।
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