Supreme Court on Article 370: जम्मू-कश्मीर से धारा-370 हटाए जाने के फैसले के खिलाफ दायर की गई 23 याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने आज सोमवार (11 दिसंबर) को फैसला सुनाया। गौरतलब है कि 16 दिनों की सुनवाई के बाद 5 सितंबर को CJI डी वाइ चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वली पांच जजों की संविधान पीठ ने अपना फैसला फैसला सुरक्षित रख लिया था।
“जम्मू-कश्मीर में जल्द कराएं चुनाव” -CJI डीवाई चंद्रचूड़
सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को 30 सितंबर 2024 तक जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने का निर्देश दिया। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, “हम निर्देश देते हैं कि कदम उठाए जाएं ताकि सितंबर 2024 तक जम्मू-कश्मीर की विधान सभा में चुनाव हों और राज्य का दर्जा जल्द से जल्द बहाल किया जाए।”
राष्ट्रपति की शक्ति के प्रयोग के लिए परामर्श और सहयोग के सिद्धांत का पालन करना आवश्यक नहीं था। अनुच्छेद 370(1)(डी) का उपयोग करके संविधान के सभी प्रावधानों को लागू करने के लिए राज्य सरकार की सहमति की आवश्यकता नहीं थी।
कोर्ट ने कहा कि हमने माना है कि भारत के संविधान के सभी प्रावधानों को अनुच्छेद 370(1)(डी) का उपयोग करके एक ही बार में जम्मू-कश्मीर में लागू किया जा सकता है। इस प्रकार हम राष्ट्रपति की शक्ति के प्रयोग को वैध मानते हैं। अनुच्छेद 370 के तहत विशेष परिस्थितियाँ मौजूद हैं या नहीं, इस पर भारत के राष्ट्रपति के फैसले पर अदालत अपील नहीं कर सकती।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, इतिहास बताता है कि संवैधानिक एकीकरण की क्रमिक प्रक्रिया नहीं चल रही थी। ऐसा नहीं था कि 70 साल बाद भारत का संविधान एक बार में लागू हुआ हो। यह एकीकरण प्रक्रिया की परिणति थी। संविधान सभा की सिफारिश राष्ट्रपति के लिए बाध्यकारी नहीं थी। जम्मू-कश्मीर संविधान सभा का उद्देश्य एक अस्थायी निकाय था।
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