कोल ब्लॉक आवंटन घोटाला के मामले में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा, पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता, झारखंड के पूर्व मुख्य सचिव एके बसु  और एक अन्य को दोषी करार दे दिया गया है। दिल्ली के पटियाला हॉउस कोर्ट की सीबीआई की विशेष अदालत के न्यायाधीश भरत पराशर ने सभी आरोपियों को दोषी करार दिया। दोषियों की सज़ा पर कल कोर्ट फैसला करेगा।

कोर्ट ने IPC की धारा 120 बी, (आपराधिक साजिश), 420 (धोखाधड़ी) 409 (सरकारी कर्मियों द्वारा आपराधिक विश्वासघात) और भ्रष्टाचार की रोकथाम अधिनियम के प्रावधानों के तहत दोषी करार दिया। यह मामला झारखंड में राजहरा नॉर्थ कोयला ब्लॉक को कोलकाता की विनी आयरन एंड स्टील उद्योग लिमिटेड (वीआइएसयूएल) को आवंटित करने में कथित अनियमिताओं से संबंधित है। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा, एचसी गुप्ता और कंपनी के अलावा, मामले में अन्य आरोपी झारखंड के पूर्व मुख्य सचिव एके बसु, दो लोक सेवक बसंत कुमार भट्टाचार्य, बिपिन बिहारी सिंह, वीआइएसयूएल के निदेशक वैभव तुलस्यान, कोड़ा के कथित करीबी सहयोगी विजय जोशी और चार्टर्ड अकाउंटेंट नवीन कुमार तुलस्यान शामिल थे।

दरअसल पिछली सुनवाई में बहस के दौरान सीबीआई ने कहा था कि कंपनी ने आठ जनवरी 2007 को राजहरा नॉर्थ कोयला ब्लॉक के आवंटन के लिए आवेदन किया था।  सीबीआई ने आरोप लगाया था कि झारखंड सरकार और इस्पात मंत्रालय ने वीआइएसयूएल को कोयला खंड आवंटन करने की अनुशसा नहीं थी बल्कि 36वीं अनुवीक्षण समिति (स्क्रीनिंग कमेटी) ने आरोपित कंपनी को खंड आवंटित करने की सिफारिश की थी। सीबीआई ने बताया था कि स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष गुप्ता ने कोयला मंत्रालय का प्रभार देख रहे तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से कथित तौर पर इन तथ्यों को छुपाया था कि झारखंड सरकार ने वीआइएसयूएल को कोयला ब्लॉक आवंटन करने की सिफारिश नहीं की थी। एजेंसी ने कहा कि कोड़ा, बसु और दो आरोपी लोक सेवकों ने वीआइएसयूएल को कोयला ब्लॉक आवंटित करने के पक्ष में साजिश रची थी। कोर्ट में आरोपियों ने खुद पर लगे आरोपों को खारिज कर दिया था।

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