Supreme Court ने घरेलू हिंसा कानून 2005 के मामले में Central Government को नोटिस जारी किया

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Domestic Violence
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सुप्रीम कोर्ट ने Domestic Violence कानून 2005 के मामले में केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया। वहीं साथ में केंद्र सरकार की ओर से सुनवाई टालने की मांग को स्वीकार करते हुए सुनवाई टाल दी। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट केंद्र को नोटिस जारी करके जवाब देने का आदेश दे चुका है।

दरअसल NGO ‘वी द वीमेन ऑफ इंडिया’ ने घरेलू हिंसा कानून, 2005 को पूरी तरह लागू करने जिसमें घरों में वैवाहिक दुर्व्यवहार की शिकार होने वाली पीड़ित महिलाओं की शिकायत सुनने के लिए अधिकारी की नियुक्ति, उनको कानूनी सहायता प्रदान करने और उनके लिए आश्रय गृह बनाने कि मांग करते हुए याचिका दाखिल की गई है।

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NGO ने अपनी याचिका में राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा है कि भारत में घरेलू हिंसा महिलाओं के खिलाफ आम है। NCRB की 2019 की रिपोर्ट बताती है कि ‘महिलाओं के खिलाफ अपराध के तहत 4.05 लाख मामलों में से 30 प्रतिशत से अधिक मामले घरेलू हिंसा के है। यह हालात तब है जब घरेलू हिंसा कानून को लागू हुए 15 साल से अधिक समय हो चुका है।

गौरतलब है कि किसी महिला का शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक, मौखिक, मनोवैज्ञानिक या यौन शोषण किसी ऐसे व्यक्ति द्वारा किया जाना, जिसके साथ महिला के पारिवारिक सम्बन्ध हैं, घरेलू हिंसा में शामिल है।

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