कोलकाता बलात्कार-हत्या मामले पर बोले CJI, ”इस वारदात ने पूरे देश की आत्मा को झकझोर दिया”

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सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को कोलकाता बलात्कार-हत्या मामले पर सुनवाई हुई। CJI ने कहा कि देश एक और हत्या रेप मामले का इंतजार नहीं कर सकता। इससे पहले हमें कुछ करना होगा। CJI ने कहा कि इस वारदात ने पूरे देश की आत्मा को झकझोर दिया। हम यह समझ नहीं पा रहे हैं कि राज्य सरकार अस्पताल में तोड़फोड़ के मुद्दे को कैसे नहीं संभाल पाई? CJI ने राज्य सरकार और हॉस्पिटल प्रशासन को फटकार लगाते हुए कहा कि अभिभावकों को बॉडी देने के 3 घंटे 30 मिनट की देरी के बाद क्यों FIR दर्ज की गई?

ममता सरकार को फटकार

सुनवाई के दौरान CJI ने पश्चिम बंगाल सरकार से पूछा कि क्या प्रिंसिपल ने हत्या को आत्महत्या बताया? क्या पीड़िता के माता-पिता को सूचना देर से दी है ? उन्हें मिलने नहीं दिया गया? क्या हत्या के तहत FIR दर्ज हुई? उस समय प्रिंसिपल क्या कर रहे थे? FIR दर्ज कराने में देरी क्यों हुई? शव माता-पिता को देर से सौंपा गया? पुलिस क्या कर रही थी? पुलिस ने क्राइम सीन को प्रोटेक्ट क्यों नहीं किया? हजारों लोगों को अंदर क्यों आने दिया? प्रिंसिपल को दूसरे कॉलेज में क्यों ज्वॉइन कराया गया? CJI ने कहा कि ये बेहद गंभीर मुद्दा है। CJI ने प्रिंसिपल को लेकर पूछा कि पश्चिम बंगाल सरकार क्या कार्रवाई करेगी? साथ ही अस्पताल पर हंगामे की जांच रिपोर्ट मांगी। इसके अलावा यह सुनिश्चित करने को कहा कि जो लोग तोड़फोड़ में शामिल थे उनके खिलाफ कार्रवाई करें। CJI ने कहा कि हम इस बात को लेकर चिंतित है और यह साफ कहना चाहते हैं कि शांति पूर्ण प्रदर्शन करने वालों पर सरकार बल का प्रयोग न करे।

CBI को दिया निर्देश

CJI ने कहा कि CBI इस मामले में गुरुवार तक स्टेट्स रिपोर्ट दाखिल करे। जांच इस समय नाजुक दौर में है। इस लिए डायरेक्ट रिपोर्ट कोर्ट में दी जाए। CJI ने कहा कि हम एक नेशनल टास्क फोर्स बनाना चाहते हैं जिसमें सभी डॉक्टरों की भागीदार हो।

केंद्र ने यह कहा…

वहीं SG तुषार मेहता ने कहा पूरे राज्य में कानून- व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। बड़ा सवाल है कि सात हजार लोग कैसे अस्पताल में घुस गए ? उन्होंने कहा कि इसे छोटी घटना नहीं समझना चाहिए। हम एक युवा डॉक्टर के साथ एक यौन विकृत व्यक्ति द्वारा बलात्कार की घटना से निपट रहे हैं लेकिन उसमें एक पशु जैसी प्रवृत्ति भी थी। SG तुषार मेहता ने राज्य पुलिस के DGP को बदलने की मांग करते हुए कहा कि किसी दूसरे अधिकारी को प्रभारी DGP बनाया जाए। SG ने कहा कि मैं इसे राजनीतिक मुद्दा नहीं बनाना चाहता लेकिन लेकिन माता-पिता को 3 घंटे तक इंतजार करना पड़ा।
उन्होंने कहा कि अगर कोई कार्यक्रम में 500 लोगों को बुलाना होता है तो हमें इसकी तैयारी करनी होती है और 7 हजार लोग लाठी डंडे के साथ हॉस्पिटल आते हैं वो बिना पुलिस के जानकारी के संभव ही नहीं है।

SG तुषार मेहता ने पश्चिम बंगाल सरकार पर पोस्टमार्टम रिपोर्ट छिपाने का आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य सकार पोस्टमार्टम रिपोर्ट क्यों छिपा रही है? इस पर राज्य सरकार ने कहा कि पूरी केस डायरी हमने CBI को ट्रांसफ़र कर दी है। जिसमें सबकुछ है। इसमें छुपाने के लिए कुछ नहीं है। इसके बाद कोर्ट को भी पोस्टमार्टम रिपोर्ट दी गई जिसको कोर्ट ने देखा।

राष्ट्रीय टास्क फोर्स
CJI ने कहा कि राज्यों के मौजूदा कानून डॉक्टरों और चिकित्साकर्मियों के लिए संस्थागत सुरक्षा मानकों को पर्याप्त रूप से संबोधित नहीं करते हैं। CJI ने कहा कि डॉक्टरों के पास आराम करने के लिए जगह नहीं है। उनके लिए बुनियादी स्वच्छता का ख्याल नहीं रखा जाता है। चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा इकाइयों में सुरक्षा की कमी है। डॉक्टरों को अनियंत्रित रोगियों को संभालने के लिए छोड़ दिया जाता है। अस्पताल में चिकित्सा पेशेवरों के लिए केवल एक सामान्य शौचालय है। उनको शौचालय तक पहुंच के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राष्ट्रीय टास्क फोर्स तीन हफ्ते में अंतरिम रिपोर्ट दाखिल करेगी। इसके सदस्य होंगे:
1-एडमिरल आर सरीन, महानिदेशक चिकित्सा सेवा नौसेना
2-डॉ डी नागेश्वर रेड्डी।
3-डॉ एम श्रीनिवास, एम्स दिल्ली निदेशक
4-डॉ प्रतिमा मूर्ति, निमहंस बैंगलोर
5-डॉ गोवर्धन दत्त पुरी, एम्स जोधपुर
6-डॉ सोमिकरा रावत, सदस्य गंगाराम अस्पताल दिल्ली
7-प्रोफ़ेसर अनीता सक्सेना, कुलपति
8-पल्लवी सैपले, जेजे ग्रुप ऑफ़ हॉस्पिटल्स
9-पद्मा श्रीवास्तव, पारस अस्पताल गुड़गांव में न्यूरोलॉजी की अध्यक्ष।

NTF में भारत सरकार के कैबिनेट सचिव,भारत सरकार के गृह सचिव,केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव,राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के अध्यक्ष,राष्ट्रीय परीक्षक बोर्ड के अध्यक्ष होंगे। CJI ने कहा टास्कफोर्स चिकित्सा पेशेवरों की सुरक्षा, भलाई और अन्य संबंधित मामलों पर विचार करेगी। जिसका काम लिंग आधारित हिंसा को रोकना, इंटर्न, रेजिडेंट, नॉन रेजिडेंट डॉक्टरों के सम्मानजनक कामकाज के लिए राष्ट्रीय योजना तैयार करना होगा। कमिटी इन विषयों पर भी अपनी रिपोर्ट देगी।

टास्क फोर्स इन बिंदुओं पर तीन महीने में रिपोर्ट सौंपेगी-

  1. आपातकालीन कक्ष के क्षेत्रों में अतिरिक्त सुरक्षा की आवश्यकता हो सकती है?
  2. हथियारों को प्रवेश करने से रोकने के लिए बैगेज स्क्रीनिंग की आवश्यकता है।
  3. यदि कोई व्यक्ति मरीज नहीं है तो उसे एक सीमा से अधिक की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
  4. भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षा व्यवस्था।
  5. डॉक्टरों के लिए विश्राम कक्ष और डॉक्टरों, नर्सों के आराम करने के लिए अलग अलग स्थान होना चाहिए
  6. ऐसे क्षेत्रों में बायोमेट्रिक्स और चेहरे की पहचान होनी चाहिए।
  7. सभी क्षेत्रों में उचित प्रकाश व्यवस्था, सभी स्थानों पर CCTV लगाना
  8. चिकित्सा पेशेवरों के लिए रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक आने जाने की व्यवस्था
  9. समस्या और संकट से निपटने के लिए कार्यशालाओं का आयोजन करना।
  10. संस्थागत सुरक्षा उपायों का तिमाही ऑडिट किया जाना
  11. आने वाले लोगों के अनुरूप पुलिस बल की जरूरत
  12. POSH अधिनियम चिकित्सा प्रतिष्ठानों पर लागू होता है। इसलिए ICC का गठन किया जाना चाहिए।
  13. चिकित्सा व्यवसाय की आपातकालीन स्थिति के लिए हेल्पलाइन नंबर

CJI ने डॉक्टरों से काम पर लौटने की अपील की

CJI ने कहा कि हम डॉक्टरों से अपील करते हैं कि हम उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यहां हैं। हम इसे हाईकोर्ट के लिए नहीं छोड़ेंगे। यह बड़ा राष्ट्रहित का मामला है। CJI ने कहा कि देशभर के सभी डॉक्टरों से गुजारिश है कि वो काम पर वापस लौटें। उनकी मांगों पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है और इस बाबत काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि चूंकि अदालत सभी डॉक्टरों की सुरक्षा और भलाई से संबंधित मामले पर विचार कर रही है। इसलिए हम उन सभी डॉक्टरों से अनुरोध करते हैं जो काम से दूर हैं। वे जल्द से जल्द अपना काम फिर से शुरू करें। डॉक्टरों द्वारा काम से दूर रहने से समाज के उस वर्ग पर असर पड़ता है जिसे चिकित्सा देखभाल की जरूरत है।

अस्पताल की सुरक्षा CISF को सौंपी
CJI ने कहा कि माता-पिता द्वारा महिला डॉक्टरों को घर वापस बुलाना एक गंभीर मुद्दा है और कोलकाता पुलिस की निष्क्रियता को दोषी ठहराया। सुप्रीम कोर्ट ने आरजी कर अस्पताल की सुरक्षा CISF को सौंपी और कहा कि डॉक्टरों के हॉस्टल में भी सुरक्षा होगी। सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को इस मामले पर अगली सुनवाई करेगा।