Supreme Court: खेल मंत्रलाय ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर उनके पूर्व आदेश में संशोधन करने का आग्रह किया गया है।सरकार का कहना है कि ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन के लिए प्रशासनिक समिति एक अस्थाई व्यवस्था थी।मसले का स्थाई समाधान तो नई कार्यसमिति के जरिये ही हो सकता है।
अर्जी में बताया गया है कि FIFA भी मतदाता मंडल को लेकर सवाल उठाए हैं।निर्वाचक मंडल के लिए हमें उनके सुझाव को मानना होगा। चुनाव प्रक्रिया शुरू करवाई जानी चाहिए। इससे FIFA को भी तसल्ली हो जाएगी।
इसके अलावा अर्जी में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि AIFF महासचिव कार्यालय द्वारा ही दिन-प्रतिदिन के कामकाज का देखरेख किया जाना चाहिए।अर्जी में यह भी कहा कि FIFA से AIFF से निलंबन किए जाने से भारतीय फुटबॉल और खिलाड़ियों के लिए विनाशकारी परिणाम होंगे, क्योंकि फीफा ने तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप को स्वीकार करने से इनकार कर दिया है।
अर्जी में AIFF के लिए मतदाता सूची में खिलाड़ियों को नहीं केवल राज्य के खेल प्रशासक शामिल किए जाने की बात की गई।
Supreme Court: जल्द कदम नहीं उठाए तो, खो सकते हैं मेजबानी!
केंद्र सरकार की ओर से SG तुषार मेहता ने कहा यह राष्ट्रीय महत्व का मामला है। अगर जल्द ही कदम नहीं उठाए गए तो हम देश में वर्ल्ड कप की मेजबानी खो सकते हैं। हमें निलंबित किया गया है।हमारे खिलाड़ी किसी भी खेल अपना प्रदर्शन नहीं दिखा नहीं पाएंगे।
SG ने कहा सस्पेंशन के बाद हमने FIFA से विचार विमर्श किया। FIFA ने साफ कहा है कि एक चुनाव होना चाहिए। उन्होंने कहा कि कुछ निजी लोगों के स्वार्थों की वजह से ऐसा हुआ है।
SG ने कहा कि चुनाव के लिए मतदाता सूची में केवल AIFF के राज्य और संघ राज्य क्षेत्र सदस्य संघों के प्रतिनिधि शामिल होने चाहिए। इसमें खिलाड़ी शामिल नहीं होने चाहिए।
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