राम मंदिर मामले की सुनवाई वाली बेंच का हिस्सा रहे सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अब्दुल नजीर (Abdul Nazeer) बुधवार को रिटायर हो रहे हैं। इस मौके पर SCBA ने उनके विदाई समारोह का आयोजन किया। जस्टिस नजीर के सम्मान में आयोजित सभा को संबोधित करते हुए एससीबीए के उपाध्यक्ष प्रदीप राय ने कहा, ” जस्टिस नजीर गांव से जुड़े हुए व्यक्ति हैं। प्राथमिक पढ़ाई पूरी करने के बाद वो मंगलुरू आ गए वहां उन्होंने बहुत कुछ किया। उन्होंने कहा कि जस्टिस नजीर बड़े साधारण तरीके से रहने वाले इंसान हैं। प्रदीप राय ने कहा कि वो 20 साल तक बार में काम किया। जस्टीस नजीर के उस बयान को कोट करते हुए प्रदीप राय ने कहा कि उनका अगला इंनिग वनडे और टेस्ट हो सकता है।
सही के लिए खड़े होते रहे हैं जस्टिस Abdul Nazeer: CJI चंद्रचूड़
सभा को संबोधित करते हुए भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डी.वाई. चंद्रचूड़ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस एस अब्दुल नज़ीर हमेशा सही के लिए खड़े होते थे। CJI ने कहा कि कैसे उन्होंने अयोध्या मामले के दौरान जस्टिस नज़ीर के साथ बेंच शेयर की थी और उनके साथ काम किया था। सीजेआई ने कहा, “मुझे इस बात का दुख है कि हम दोस्त बने रहेंगे लेकिन मैं अब उनके साथ दोबारा बेंच साझा नहीं करूंगा।”
कौन हैं Abdul Nazeer?
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विकास सिंह और वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी, संजय हेगड़े और वी मोहना ने भी इस अवसर पर बात की। गौरतलब है कि न्यायमूर्ति नज़ीर का जन्म 5 जनवरी, 1958 को हुआ था। प्राथमिक, माध्यमिक पढ़ाई के बाद उन्होंने 18 फरवरी, 1983 को एक वकील के रूप में नामांकन कराया था। उन्होंने कर्नाटक हाईकोर्ट में अभ्यास किया और 12 मई, 2003 को उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त हुए। उन्हें 17 फरवरी, 2017 को भारत के सर्वोच्च न्यायालय में पदोन्नत किया गया था।
न्यायमूर्ति नजीर ने कहा कि उन्होंने शीर्ष अदालत में एक न्यायाधीश के रूप में लगभग छह साल बिताए। उन्होंने कहा,’मैं थोड़ा भावुक महसूस कर रहा हूं। आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। लगभग छह साल हो गए हैं। मैंने यहां हर बिट का लुत्फ उठाया है। आप सभी ने मेरा समर्थन किया है, मुझे प्रोत्साहित किया है और मुझे सिखाया है।
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