सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ रहे वरिष्ठ अधिवक्ता प्रदीप राय ने बुधवार (15 मई, 2024) को तिलक मार्ग पुलिस स्टेशन में कुमुद लता एओआर के खिलाफ आधारहीन और दुर्भावनापूर्ण जानकारी फैलाने के लिए पुलिस शिकायत दर्ज की है।
कहा जाता है कि कुमुद लता एओआर (Advocate on Record) ने एक मामले में अफवाह फैलाई थी जिसमें प्रदीप राय ने सार्वजनिक माफी मांगी थी और तब मामला वापस ले लिया गया था। जानकारी के मुताबिक पुलिस ने अपनी जांच में कुमुद लता से उनका जवाब (Reply) मांगा है। बता दें कि इससे कुछ ही दिन पहले, सुप्रीम कोर्ट ने एससीबीए अध्यक्ष के चुनाव के लिए प्रदीप राय का नामांकन रद्द करने की मांग वाली कुमुद लता की याचिका पर विचार करने से साफ इनकार कर दिया।
लता ने न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की खंडपीठ के समक्ष अपनी दलील दी। वरिष्ठ अधिवक्ता प्रदीप राय भी अदालत के समक्ष उपस्थित हुए।
कुमुद लता ने कहा कि राय की उम्मीदवारी उनके खिलाफ 2003 में हुई एफआईआर के कारण रद्द की जानी चाहिए और लता ने कहा कि राय ने उन्हें धमकी दी थी। जवाब में वरिष्ठ वकील प्रदीप राय ने अदालत से कहा, ”कोई एफआईआर ही नहीं है। इस महिला ने तीन दिन पहले मुझे कपिल सिब्बल के खिलाफ नामांकन वापस लेने के लिए फोन किया था। वह एक एफआईआर का जिक्र करती हैं जहां शिकायतकर्ता ने सार्वजनिक माफी मांगी थी और मामला वापस ले लिया गया था। मैंने पहले ही तिलक मार्ग पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज करा दी है। इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर (IO) रास्ते में ही है। इसकी जांच होनी चाहिए।”
उन्होंने आगे कहा, ”शिकायतकर्ता ने अखबार में बिना शर्त माफी मांगी है। वह कपिल सिब्बल के कहने पर ऐसा कर रही हैं।”
सुनवाई के दौरान जस्टिस कांत ने कहा, ”कृपया हमें बताएं मैडम, इस मामले में हमारे हस्तक्षेप का दायरा क्या है?” लता ने जवाब दिया, “उनकी आपराधिक पृष्ठभूमि के कारण उनकी उम्मीदवारी रद्द कर दी जानी चाहिए। उन्होंने नकल की…” न्यायमूर्ति विश्वनाथन ने सख्ती से पूछा, “क्या आप कानून जानती हैं? एफआईआर एक आपराधिक इतिहास कैसे है, कृपया यह सब यहां न लाएं।”
न्यायमूर्ति विश्वनाथन ने तब कुमुद लता से पूछा, जो आप ये सभी प्रकार के आरोप लगा रही थीं, क्या उन्होंने कोई मुकदमा दायर किया है और क्या उन्होंने अयोग्यता के लिए कोई वैध आधार दिखाया है।
जब लता ने कहा कि वह मुझे अदालत में धमकी नहीं दे सकते, तो न्यायमूर्ति कांत ने कहा, “अदालत ऐसा किसी को करने भी नहीं देगी। बार के सभी सदस्यों का न्यायालय सम्मान करता है और हम सभी को समायोजित कर रहे हैं”
वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल द्वारा आगामी चुनावों में अध्यक्ष पद के लिए अपनी उम्मीदवारी की घोषणा के बाद एससीबीए के चुनावों ने विभाजनकारी मोड़ ले लिया, प्रचार और गलत सूचना चरम पर पहुंच गई है।
बता दें कि ऐसी ही एक चाल में वरिष्ठ अधिवक्ता प्रदीप राय को एससीबीए में एक क्लेरिकल मिस्टेक (Clerical Error) के चलते चुनाव से पहले मतदाता के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था। राय की आपत्ति के बाद लिस्ट को सही कर दिया गया था।
बता दें कि एससीबीए पदाधिकारियों के लिए चुनाव गुरुवार यानी 16 मई, 2024 को होंगे। वहीं SCBA चुनाव के नतीजे शनिवार यानी 19 मई, 2024 को आएंगे। वरिष्ठ अधिवक्ता प्रदीप राय अध्यक्ष पद के लिए लड़ रहे हैं। मालूम हो कि प्रदीप राय 2021-22 और 2022-23 में लगातार दो बार एससीबीए के उपाध्यक्ष रहे हैं। इस बार वरिष्ठ अधिवक्ता प्रदीप राय वर्तमान अध्यक्ष आदिश सी अग्रवाल, वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल, वरिष्ठ अधिवक्ता प्रिया हिंगोरानी, अधिवक्ता नीरज श्रीवास्तव और अधिवक्ता त्रिपुरारी रे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं।