भारत के पूर्व प्रधानमंत्री Rajiv Gandhi की हत्या के मामले में पेरारिवलन की ओर से आज गोपाल शंकरनारायण ने सुनवाई नहीं होने पर कहा मैं पिछले 30 साल से जेल में हूँ और गवर्नर के द्वारा रिहाई के दिए गए आदेश को रिकॉर्ड पर रखा जाना चाहिए। कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि आप इस बात का ध्यान रखे कि जनवरी में मामले की सुनवाई आगे नहीं टाली जाएगी। Supreme Court जनवरी में अब इस मामले पर सुनवाई करेगा।
वहीं इस मामले पर पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट को राज्यपाल की तरफ से हलफनामा दाखिल कर बताया जा चुका है कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के मामले में सजा काट रहे एजी पेरारिवलन की जेल से रिहाई पर अंतिम फैसला राष्ट्रपति ही ले सकते हैं। साथ ही कोर्ट को यह भी बताया कि तमिलनाडु के राज्यपाल ने रिहाई के मामले में राष्ट्रपति को अपना जवाब सौंप दिया है। सुप्रीम कोर्ट को दिए गए अपने जवाब में राज्यपाल ने कहा है कि इस पर किसी भी तरह का फैसला लेने का अधिकार राष्ट्रपति के पास ही है।
राज्य सरकार ने सजा माफ की
दरअसल एजी पेरारिवलन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा था कि राज्य सरकार द्वारा उसकी सजा को माफ किए जाने के बाद भी राज्यपाल द्वारा अभी तक इस पर फैसला नहीं लिया जा रहा है।
यह मामला देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 1991 में तमिलनाडु के श्रीपेरम्बदूर में एक चुनावी सभा के दौरान हुई हत्या के मामले में सजा काट रहे ए जी पेरारिवलन का है।
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