Lakhimpur Khiri Case: लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई। इस मामले में आशीष मिश्रा के वकील मुकुल रोहतगी ने जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच से सामने अपनी दलील पेश की। मुकुल रोहतगी ने कहा कि लखीमपुर खीरी मामले में हाईकोर्ट की ओर से एक साल पहले जमानत मिल चुकी थी। बाद में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद हाईकोर्ट ने जमानत याचिका रद्द कर दी थी। फिलहाल,आशीष मिश्रा की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई को जनवरी के दूसरे हफ्ते तक टाल दिया है।

Lakhimpur Khiri Case: आशीष मिश्रा के वकील मुकुल रोहतगी ने बताया कि इस मामले में याचिका पहले ही दाखिल हो चुकी है। जिसमें साफ कहा गया है कि हादसे के दौरान आशीष मिश्रा गाड़ी में नहीं बैठे थे। यहां तक कि इस जगह पर कोई फायरिंग भी नहीं हुई है जो कि रिकॉर्ड में भी दर्ज है।
Lakhimpur Khiri Case: “गाड़ी पर काफी पत्थर मारे जा रहे थे”
जस्टिस सूर्यकांत ने आशीष मिश्रा से पूछा कि आप कब से जेल में है। इस पर उनके वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि वो लगभग एक साल से ज्यादा समय से जेल में बंद हैं। रोहतगी ने यह भी कहा कि घटनास्थल पर मौजूद लोगों का कहना है कि गाड़ी पर काफी पत्थर मारे जा रहे थे जिससे बचने के लिए गाड़ी की रफ्तार तेज की गई थी। यह तेज रफ्तार ही घटना का कारण बनी थी। साथ ही वहां के लोगों ने गवाही भी दी है कि कार चालक को बाहर खींचकर काफी बुरी तरह से पीटा गया था जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई थी।

आशीष मिश्रा के वकील मुकुल रोहतगी ने बताया कि रोहतगी ने कहा चार्जशीट के साथ वीडियो और फोटो भी जमा किए गए हैं जिसमें साफ दिख रहा है कि उस हादसे के दौरान गाड़ी में कौन था और कौन भाग रहा था। आशीष मिश्रा को लेकर रोहतगी ने कहा कि आशीष मिश्रा इस हादसे को दौरान तकरीबन 3 बजे दंगल देखने अखाड़ा स्थल गए हुए थे। इस पर जस्टिस ने पूछा कि अखाड़ा घटनास्थल से कितना दूर है तो मुकुल रोहतगी ने बताया कि इन दोनों के बीच की दूरी लगभग 4 किलोमीटर है।
Lakhimpur Khiri Case: गवाहों को दी जाए सुरक्षा
जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। इस घटना के जितने भी गवाह है उन सबको सुरक्षा दी जानी चाहिए। साथ ही जो अज्ञात गवाह है उनको भी सुरक्षा दी जानी चाहिए। इसपर यूपी सरकार की ओर से पेश वकील ने कहा कि पीड़ित के साथ ही उनके परिवार वालों को भी पूरी सुरक्षा दी गई है।
Lakhimpur Khiri Case: कोर्ट ने पूछा सवाल
जस्टिस सूर्यकांत ने सरकार से सवाल पूछा कि आप किसी अपराधी को कितने दिनों तक जेल में बंद रख सकते हैं। क्योंकि पीड़ित के साथ ही आरोपी के भी कुछ मूल अधिकार होते हैं। इसे बैलेंस करना जरूरी है। जस्टिस सूर्यकांत ने यूपी सरकार से कहा कि यदि गवाहों की सुरक्षा को और अन्य चीजों का ध्यान रखते हुए जमानत देने पर विचार किया जा सकता है।
Lakhimpur Khiri Case: 16 दिसंबर से शुरू होंगे ट्रायल
इससे पहले हाल ही में लखीमपुर की एडीजे फर्स्ट कोर्ट ने आशीष समेत सभी 14 अभियुक्तों पर आरोप तय किए थे। आशीष पर आईपीसी और मोटर व्हीकल एक्ट की धारा में आरोप तय हुए हैं। अब इस मामले में 16 दिसंबर से ट्रायल शुरू होगा और उसी दिन से वादी मुकदमा की गवाही शुरू हो जाएगी और अगर आशीष मिश्रा को दोषी पाया जाता है तो उसी दौरान उनको धाराओं के आधार पर सजा सुनाई जाएगी।
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