केरल हाईकोर्ट ने नाबालिग लड़की को उसके 7 महीने के गर्भ को खत्म करने की अनुमति दे दी है। दरअसल नाबालिग को उसके भाई ने गर्भवती कर दिया था। नाबालिग लड़की के पिता ने गर्भपात कराने की मांग की थी। अदालत ने आगे कहा कि अगर गर्भपात की अनुमति नहीं दी गई तो विभिन्न सामाजिक और चिकित्सकीय जटिलताएं पैदा होने की संभावना है।
न्यायमूर्ति जियाद रहमान की एकल पीठ ने लड़की की जांच के लिए गठित मेडिकल बोर्ड द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के आधार पर निर्णय दिया। दरअसल 32 सप्ताह से अधिक की गर्भावस्था को जारी रखने से नाबालिग के सामाजिक और मानसिक स्वास्थ्य को गंभीर चोट लगने की संभावना थी।
कोर्ट ने कहा, “इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि गर्भ भाई से हुआ है। ऐसे में विभिन्न सामाजिक और चिकित्सीय जटिलताएँ उत्पन्न होने की संभावना है। ऐसी परिस्थितियों में, याचिकाकर्ता द्वारा गर्भावस्था को समाप्त करने के लिए मांगी गई अनुमति दी जाती है।”
कोर्ट के मुताबिक, “मेडिकल रिपोर्ट देखने पर, यह स्पष्ट है कि नाबालिग गर्भपात के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से फिट है। गर्भावस्था को जारी रखने से नाबालिग के सामाजिक और मानसिक स्वास्थ्य को गंभीर चोट लगने की संभावना है।”