Karnataka Hijab Controversy: Supreme Court में दाखिल एक याचिका में Common Dress Code लागू करने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया कि यह न केवल समानता, सामाजिक न्याय और लोकतंत्र के मूल्यों को बढ़ाने के साथ एक न्यायपूर्ण और मानवीय समाज बनाने के लिए आवश्यक है। बल्कि यह जातिवाद, सांप्रदायिकता, वर्गवाद, कट्टरवाद, अलगाववाद के खतरे को कम करने के लिए भी आवश्यक है।
Nikhil Upadhyay ने दायर की है याचिका
याचिका के मुताबिक सार्वभौमिक शिक्षा (Universal Education) की भूमिका को हमारे गणतंत्र की स्थापना के बाद से स्वीकार किया गया। जिसके जरिए सभी के लिए समान अवसर के प्रावधानों के माध्यम से लोकतंत्र के सामाजिक ताने-बाने को मजबूत किया जा सके।
याचिका दाखिल करने वाले निखिल उपाध्याय (Nikhil Upadhyay) के मुताबिक सामान्य ड्रेस कोड (Uniform Dress Code) न केवल हिंसा को कम करेगा बल्कि एक सकारात्मक शिक्षा (Positive Education) के वातावरण को भी बढ़ावा देगा। इतना ही नहीं यह सामाजिक-आर्थिक मतभेदों के कारण होने वाली हिंसा के अन्य रूपों को भी कम करेगा।
Karnataka Hijab Controversy: आंतरिक मुद्दों पर की जा रही टिप्पणियों का हम नहीं करते हैं स्वागत
हिजाब विवाद को लेकर कुछ देशों द्वारा की गईं टिप्पणियों पर विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी करके कहा कि कर्नाटक में कुछ शैक्षणिक संस्थानों में ड्रेस कोड से संबंधित एक मामले की सुनवाई कर्नाटक उच्च न्यायालय द्वारा की जा रही है। हमारे आंतरिक मुद्दों पर की जा रही टिप्पणियों का हम स्वागत नहीं करते हैं।
बता दें कि कर्नाटक के एक कॉलेज में हिजाब पहनी हुईं छात्राओं को कक्षा लेने की अनुमति नहीं मिली थी। जिसके बाद से पूरे देश में हिजाब और कॉमन ड्रेस को लेकर बहस छिड़ गई है। कुछ छात्राएं इस मामले को लेकर कर्नाटक हाईकोर्ट भी पहुंंची हैं और मामले की अगली सुनवाई सोमवार को होगी।
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