Kanpur Development Authority Case: श्रम अदालत के अवार्ड वापस लेने के आदेश को Allahabad HC ने बताया विधि विरुद्ध, किया रद्द

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Allahabad High Court
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Kanpur Development Authority Case: Allahabad High Court ने उप-श्रमायुक्त कानपुर नगर के अपने अवार्ड को वापस लेने के 29 जनवरी 2020 के आदेश को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि श्रम अदालत ने ठोस साक्ष्य व न्यायिक विवेक का इस्तेमाल किये बगैर अपना अवार्ड वापस लेकर कानूनी गलती की है।

श्रम अदालत ने कानपुर विकास प्राधिकरण के नोटिस के बावजूद हाजिर होकर जवाब न देने पर एक पक्षीय कार्रवाई कर याचिकाकर्ता की बर्खास्तगी को निरस्त कर दिया था और 50 फीसदी बकाया वेतन सहित सेवा बहाली का अवार्ड दिया था जिसे बाद में वापस लेने की चुनौती दी गई थी। यह आदेश न्यायमूर्ति जयंत बनर्जी ने सोनेलाल कुशवाहा की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है।

याचिकाकर्ता ने श्रम अदालत में केस दाखिल किया था

याचिका पर अधिवक्ता देवेन्द्र प्रताप सिंह व प्रमेंद्र प्रताप सिंह ने बहस की। याचिकाकर्ता ने अपनी बर्खास्तगी के खिलाफ श्रम अदालत में केस दाखिल किया था। जिस पर अदालत ने कानपुर विकास प्राधिकरण (KDA) को नोटिस जारी किया। किन्तु KDA की ओर से जवाब दाखिल नहीं किया गया और न ही वकील अदालत में बहस करने आये। इस पर अदालत ने एक पक्षीय कार्रवाई करते हुए अवार्ड जारी किया।

सहायक श्रम आयुक्त ने नोटिस जारी किया

नियम का पालन न होने पर याचिकाकर्ता की अर्जी पर सहायक श्रम आयुक्त ने वसूली नोटिस जारी किया। इसके बाद भुगतान किया गया और इसके 11 माह बाद KDA ने उप श्रमायुक्त के समक्ष एक पक्षीय अवार्ड वापस लेने की अर्जी दी और कहा वकील ने उसे सूचित नहीं किया, अब नया वकील रखा गया है और उसे सुनकर फिर से अवार्ड दिया जाए।

प्राधिकरण भी मुकदमे के प्रति लापरवाह

कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर कहा कि वकील के साथ-साथ प्राधिकरण भी मुकदमे के प्रति लापरवाह रहा है। केस का नोटिस मिलने के बाद प्राधिकरण ने कोई प्रयास नहीं किया और कार्यवाही में हिस्सा न लेने का उचित कारण नहीं दे सका।

श्रम अदालत ने भी न्यायिक विवेक का इस्तेमाल नहीं किया

प्राधिकरण ने अवार्ड वापसी अर्जी देने में भी 11 महीने की देरी की और ऐसे आचरण माफ करने लायक नहीं हैं। कोर्ट ने कहा श्रम अदालत ने भी न्यायिक विवेक का इस्तेमाल नहीं किया और बिना ठोस आधार के अवार्ड वापस ले लिया जो विधि विरुद्ध है।

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