हाल ही में CJI DY चंद्रचूड़ ने डॉ. बी.आर. अंबेडकर की शताब्दी के उपलक्ष्य में आयोजित स्मारक कार्यक्रम में CLAT एग्जाम पर बात की। CJI चंद्रचूड़ ने सिर्फ इंग्लिश लैंग्वेज में कंडक्ट किए जाने को लेकर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि देशभर में नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीज में एडमिशन के लिए सिर्फ इंग्लिश मीडियम में ही टेस्ट लिया जाता है। इससे पिछड़े और कमजोर वर्ग के लोगों को बराबर मौके नहीं मिल पाते।
CJI चंद्रचूड़ ने ये भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट नेशनल कमीशन फॉर शेड्यूल्ड ट्राइब्स (NCST) के साथ मिलकर ट्राइबल स्टूडेंट्स के लिए खासतौर पर इंटर्नशिप प्रोग्राम्स तैयार कर रही है। CJI ने ये भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट नेशनल कमीशन फॉर शेड्यूल्ड ट्राइब्स (NCST) के साथ मिलकर ट्राइबल स्टूडेंट्स के लिए खासतौर पर इंटर्नशिप प्रोग्राम्स तैयार कर रही है।
CJI चंद्रचूड़ ने कहा कि पिछड़े वर्ग से आने वाले सभी स्टूडेंट्स के पास इंग्लिश में इस एग्जाम की तैयारी करने के लिए पर्याप्त संसाधनों- जैसे कोचिंग सेंटर, स्टडी मटेरियल और किताबें नहीं होतीं। उन्होंने कहा कि देश में लॉ में करियर बनाने के सबसे आसान तरीका है CLAT क्लियर कर किसी NLU में पढ़ाई करना। लेकिन, CLAT का एग्जाम सिर्फ इंग्लिश में होने की वजह से ये एग्जाम अर्बन सेंट्रिक बनता जा रहा है। इसका अर्थ है कि शहरी इलाकों के स्टूडेंट्स की तुलना में ग्रामीण या पिछड़े इलाकों से आने वाले स्टूडेंट्स के लिए ये एग्जाम क्वालिफाई करना ज्यादा मुश्किल है।
यह भी पढ़ें: