बुधवार (20 दिसंबर) को दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली के रोहिणी इलाके मे चल रहे आध्यात्मिक विश्वविद्यालय के खिलाफ CBI जांच के आदेश दिए हैं। आश्रम के संचालक बाबा वीरेंद्र देव और दो अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इस आश्रम में नाबालिग लड़कियों को बंधक बनाकर रखने और आध्यात्मिक शिक्षा देने के नाम पर उनका यौन शोषण करने का आरोप है।

हाईकोर्ट ने CBI को आश्रम में रह रहीं लड़कियों के साथ कथित बलात्कार और आत्महत्या के मामले में दर्ज सभी मामलों से जुड़े दस्तावेज ज़ब्त करने का निर्देश दिया है। हाईकोर्ट ने इस मामले में विशेष जांच दल गठित करने का भी आदेश CBI निदेशक को दिया है। कोर्ट ने बाल कल्याण समिति की चेयरमेन को भी आश्रम का निरीक्षण करने और उचित कदम उठाने के लिए कहा है और इस काम में रोहिणी के DCP को पूरी पुलिस सुरक्षा और सहायता देने को कहा गया है।

बतां दें कि दिल्ली हाईकोर्ट की कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल के निर्देश पर मंगलवार को आश्रम मे छापेमारी की गई थी, कोर्ट ने कहा था कि ऐसा ना हो कि यहां भी हरियाणा के सिरसा जैसे हालत हों जहां धर्म के नाम पर शोषण का काम हो रहा था, ऐसे में हालात बेहद खतरनाक हो सकते हैं और भगवान के प्रवचन के नाम पर यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

हाईकोर्ट की ओर से नियुक्त पैनल ने कोर्ट को बताया कि जांच लिए मंगलवार को वह आश्रम गये थे लेकिन वहां के कर्मचारियों ने उनके साथ मारपीट की और तकरीबन दो घंटे की मशक्कत के बाद वह आश्रम में दाखिल हो पाए। हालांकि इस छापेमारी में स्पेशल टीम ने कई लड़कियों को आश्रम से निकाला,छापेमारी के दौरान दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल भी मौजूद थीं। उन्होंने कहा की आश्रम में हर तरफ अव्यवस्था थी। जांच के दौरान एक संदूक मिला जिसमें लड़कियों के दस्तावेज़ और उनकी मेडिकल रिपोर्ट मिली हैं इसके अलावा वहां से कुछ इंजेक्शन भी बरामद किए गए हैं।

फाउंडेशन ऑफ सोशल एमपॉवरमेंट नाम की एक NGO की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है, याचिका में कहा गया है कि आश्रम में काफी संख्या में लड़कियों को बंदक बनाकर रखा गया है और उनका यौन शोषण होता है। आश्रम में रह रही लड़कियों के परिजनों को भी इनसे मिलने नहीं दिया जाता। आरोप यह भी है कि यहां एक लड़की से बलात्कार हुआ, लेकिन उसकी शिकायत पर FIR दर्ज़ नहीं की गई।

आश्रम से भागी एक पीड़ित युवती ने हाईकोर्ट में कहा कि आश्रम में बहुत से ऐसे लोग हैं जो नाबालिग युवतियों से बातचीत कर उनका ब्रेनवाश करते हैं और फिर यौन शोषण करते हैं। युवती ने अपने बयान में कहा कि उसके परिजनों ने दो महीने के कोर्स के लिए आध्यात्मिक विश्वविद्यालय में उसका दाखिला करवाया गया था लेकिन इस दौरान यहां उसका यौन शोषण किया गया।

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