दिल्ली-NCR में बढ़ते प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई पंजाब सरकार को फटकार, जानिए सुनवाई के दौरान क्या कुछ कहा?

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Supreme Court on Delhi Punjab Government: सुप्रीम कोर्ट ने वायु प्रदूषण के मुद्दे पर आज मंगलवार (07 नवंबर) को पंजाब सरकार को जोरदार फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा, “यह राजनीतिक लड़ाई का मैदान नहीं है। यहां राजनैतिक आरोप-प्रत्यारोप न करें। आप इस मामले को दूसरों पर नहीं थोप सकते। आप पराली जलाने को क्यों नहीं रोक पा रहे है? यह लोगों की हेल्थ की हत्या के समान है।” दरअसल कोर्ट ने यह तब कहा जब पंजाब सरकार के वकील ने कहा था कि पंजाब में 40 फीसदी पराली जलाने की घटनाओं में कमी आई है। हम इसपर रोक के लिए कदम उठा रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने पराली जलाने पर रोक लगाने के लिए बुधवार को यूपी, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली समेत अन्य राज्यों और केंद्र की बैठक बुलाने का भी निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा कि कैबिनेट सेकेट्ररी की अगुवाई में राज्यों के साथ बुधवार को मीटिंग की जाए। इस मामले पर बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने आम आदमी सरकार को जमकर घेरा। उन्होंने आम आदमी पार्टी को नाकारा सरकार बताया है। बता दें, मामले में अगली सुनवाई अब शुक्रवार को होगी।

वहीं, सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद अब दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय का बयान भी सामने आ गया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार पहले सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अध्ययन करेगी और उसके बाद सम-विषम यानि ‘ऑड-ईवन रूल’ को लागू करेगी।

“हर हाल में बंद हो पराली जलाना” -SC

राज्य सरकारों को सुप्रीम कोर्ट ने जल्द से जल्द पराली जलाने की घटनाओं पर रोकथाम करने के निर्देश दिए हैं। मामले पर सुनवाई करते हुए जस्टिस संजय किशन कौल ने एमिकस वकील अपराजिता सिंह ने कहा कि प्रदूषण से निपटने के लिए IIT द्वारा दिए गए सुझाव को व्यापक तरीके से लागू किए जाने की जरूरत है।

इस मामले में हमारा ज़ीरो पेशेंस” -SC

जस्टिस कौल ने कहा “पराली जलाने पर आप रोक लगाए। हम नहीं जानते आप कैसे करेंगे, लेकिन आप इसपर रोक लगाएं। अगर इसकी वजह से लोगों की मौत हो तो आप उसे बदलिए। य़ह लोगों के स्वास्थ्य की हत्या के समान है।” कोर्ट ने पंजाब सरकार को फटकार लगाते हुए यह भी कहा कि यहां हर कोई एक्सपर्ट है लेकिन किसी के पास समाधान नहीं है। प्रदूषण की समस्या पर तत्काल समाधान होना चाहिए। इस मामले में हमारा ज़ीरो पेशेंस है।

जस्टिस संजय किशन कौल ने केन्द्र सरकार को कहा कि आपको किसानो को वैकल्पिक फसल की ओर शिफ्ट करने में मदद करनी होगी। कोर्ट ने यह तब कहा जब पंजाब सरकार की तरफ से कहा गया कि केंद्र सरकार कुछ खास फसलों पर MSP देती है। उन फसलों के अधिक उत्पाद से पराली ज्यादा होती है और जलती है।

“राजनीतिक दोषारोपण के खेल बंद करे सरकार” -SC

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पंजाब सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि यह राजनीतिक लड़ाई का मैदान नहीं है। यहां राजनैतिक आरोप-प्रत्यारोप न करें। आप इस मामले को दूसरों पर नहीं थोप सकते आप पराली जलाने को क्यों नहीं रोक पा रहे है। कोर्ट ने यह तब कहा जब पंजाब सरकार के वकील ने कहा था कि पंजाब में 40 फीसदी पराली जलाने की घटनाओं में कमी आई है। हम इसपर रोक के लिए कदम उठा रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा “हम नीतिगत मुद्दों में प्रवेश नहीं करते, लेकिन अगर लोग मर रहे हैं, तो हम नीतिगत मुद्दों में प्रवेश करेंगे। दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, यूपी और राजस्थान पराली जलाने को तुरंत प्रभाव से रोकें। चीफ सेकेट्री और डीजीपी ये सुनिश्चित करें ।”

मनोज तिवारी ने बोला AAP पर हमला

सुप्रीम कोर्ट की दिल्ली और पंजाब सरकार को फटकार के बाद अब बीजेपी सांसद मनोज तिवारी मनोज तिवारी का बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने आम आदमी पार्टी को तंज कसते हुए नाकारा सरकार बताया है। मोनज तिवारी ने कहा, “नाकारा आम आदमी पार्टी की सरकार को जो आज डांट पड़ी है सुप्रीम कोर्ट से, अगर उनमें नैतिकता होगी तो वे उलटे पांव जाकर दिल्ली के प्रदूषण को खत्म करने का उपाय करेंगे। उन्होंने सवाल किया कि अरविन्द केजरीवाल जी क्या आप अभी भी झूठा प्रचार करेंगे? जमीनी स्तर पर काम करिये। आज सुप्रीम कोर्ट ने जिस प्रकार डांट लगाकर AAP को पंजाब में पराली जलाने पर रोक लगाने के लिए कहा है। अब आपका झूठा प्रचार नहीं चलेगा।”

मनोज तिवारी ने कहा, “प्रदूषण के कारण दिल्ली के लोगों की औसत आयु 12 साल कम हो गई है। बच्चों और बुजुर्गों की सांसें थम रही हैं, इसलिए माननीय सुप्रीम कोर्ट ने इतना कड़ा रुख अपनाया, इतनी बड़ी डांट लगी आपको। यथाशीघ्र अपने विधायकों के साथ पंजाब के गांवों में जाइये, किसानों के पास जाइए, उनकी पराली को खरीदिए, उससे खाद बनाने के तरीकों को उपयोग में लाइए। नए कदम उठाइए, ताकि दिल्ली-एनसीआर की सासें, बड़े-जुर्गों की सांसें बचाई जा सकें। अब ये नाकारपन नहीं चलेगा, ये अति हो गई है।”

बता दें कि दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण के मामले में दिल्‍ली और पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है। दिल्‍ली सरकार ने हलफनामे में कहा है कि प्रदूषण पर काबू पाने के लिए कई बड़े कदम उठाए गए हैं। वहीं पंजाब सरकार ने कहा है कि पराली जलाने के मामलों को रोकने के लिए सरकार गंभीरता से काम कर रही है।

दिल्ली सरकार ने दी सफाई

सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद अब दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय का बयान भी सामने आया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार पहले सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अध्ययन करेगी और उसके बाद ‘ऑड-ईवन रूल’ को लागू करेगी। बता दें, यह बयान सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले के बाद आया है, जिसमें उसने AAP सरकार से पूछा कि क्या सड़कों पर चलने वाली कारों की संख्या को संतुलित करने की सम-विषम योजना कभी सफल रही है?

वाहन प्रदूषण पर कोर्ट ने राज्यों से मांगा जवाब

कोर्ट ने गाड़ियों से होने वाले प्रदूषण पर कहा कि वाहन के प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कलर कोडेड स्टिकर योजना के विषय मे 2 दिसंबर 2022 को आदेश दे दिया गया था। ऐसा लगता है कि इसे केवल दिल्ली सरकार द्वारा लागू किया गया है जबकि अन्य राज्यों द्वारा इसे लागू नहीं किया गया। दिल्ली के अलावा अन्य राज्य भी निर्देश लेकर कोर्ट को जानकारी दें।

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के अंत में कहा कि अगर मेट्रो न होती तो भगवान जाने दिल्ली का क्या होता, हालांकि अभी भी पॉइंट-टू-पॉइंट कनेक्टिविटी एक बड़ा मुद्दा है।

बता दें कि दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण के मामले पर सुप्रीम कोर्ट मे आज होने वाली सुनवाई से पहले दिल्ली, पंजाब, यूपी, हरियाणा,राजस्थान की तरफ से हलफनामा दाखिल किया गया था। जिसपर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने प्रदूषण कंट्रोल पर ढिलाई के चलते राज्यों को फटकार लगाई।

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