Vijay Mallya के खिलाफ कोर्ट की अवमानना कार्रवाई के मामले में आज सुनवाई के दौरान जस्टिस यू.यू. ललित ने कहा कि हमने बहुत इंतजार कर लिया। यह साफ है कि यह शख्स कोर्ट की कार्यवाही में हिस्सा लेना नहीं चाहता। कोर्ट ने कहा कि इस मामले पर 18 जनवरी को सुनवाई होगी। जिसमें तय किया जाएगा कि माल्या को क्या सजा दी जाए? कोर्ट इस मामले में मदद के लिए एक एमिकस भी नियुक्त करेगा।
विजय माल्या अदालत की अवमानना का है दोषी
दरअसल स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से लिए गए कर्ज को न चुकाने के मामले में विजय माल्या 2017 में दोषी करार दिया जा चुका है। बता दें कि 14 जुलाई, 2017 को दिए गए एक फैसले के अनुसार माल्या को बार-बार निर्देशों के बावजूद बैंकों को 9,000 करोड़ रुपये का बकाया भुगतान नहीं करने के लिए अवमानना का दोषी पाया गया था। केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मंगलवार को अदालत के विचार के लिए विदेश मंत्रालय द्वारा एक नोट प्रस्तुत किया।
माल्या को भारत को सौंपा जाएगा
जस्टिस यू.यू. ललित ने नोट का हवाला देते हुए कहा कि माल्या की प्रत्यर्पण कार्यवाही अंतिम रूप ले चुकी है, क्योंकि उसने ब्रिटेन में अपील के सभी रास्ते समाप्त कर दिए हैं। हालांकि, कुछ गोपनीय कार्यवाही चल रही है और ब्रिटेन ने इन कार्यवाही के विवरण का खुलासा नहीं किया है।
शीर्ष अदालत ने कहा कि इस कार्यवाही के कारण माल्या की मौजूदगी उसके निर्देशों के बावजूद सुरक्षित नहीं की जा सकी। पीठ ने कहा कि अदालत की अवमानना के मामले में माल्या को सजा सुनाने की प्रक्रिया खत्म होनी चाहिए, क्योंकि शीर्ष अदालत ने काफी समय से इंतजार किया है।
शीर्ष अदालत ने कहा कि यह माल्या पर निर्भर है कि वह व्यक्तिगत रूप से पेश हो या अपने वकील के माध्यम से दलीलें पेश करें, लेकिन मामले को अब देखना चाहिए क्योंकि इसे 2017 से स्थगित किया जा रहा है, जब उन्हें अवमानना का दोषी पाया गया था।
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